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अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में नयनादेवी भाजपा के अप्पर व लोअर मंडल के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को कोठीपुरा स्थित अंबेदकर भवन में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
जिला भाजपा उपाध्यक्ष कैप्टन चैधरी राम की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में राज्य आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक रणधीर शर्मा ने विशेष तौर पर उपस्थिति दर्ज करवाई। उन्होंने शहीदों के परिजनों के साथ ही भूतपूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया।
अपने संबोधन में रणधीर शर्मा ने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। वह खुद मोर्चे पर डटे शूरवीरों के लिए प्रेरणास्रोत बने रहे। युद्ध शुरू होने के कुछ दिन बाद अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ने वाजपेयी को यह कहकर बुलाया था कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता करवा देंगे। इस पर वाजपेयी जी ने यह कहकर उनका निमंत्रण अस्वीकार कर दिया था कि जब तक भारत के सैनिक बाॅर्डर पर हैं, वह कहीं नहीं जाएंगे। अटल जी के इन शब्दों से भारतीय सैनिकों ने दोगुने जोश से दुश्मन पर हमला किया और 26 जुलाई 1999 को विजय हासिल की।
कारगिल युद्ध के दौरान भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल के प्रभारी थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और गुलाब सिंह ठाकुर के साथ वह भी सैनिकों का हौसला बढ़ाने के लिए कारगिल गए थे। इस युद्ध में हिमाचल के 52 शूरवीर शहीद हुए थे, जिनमें से 7 बिलासपुर जिला के थे।
रणधीर शर्मा ने कहा कि शहीदों को सम्मान देने और पूर्व सैनिकों का मान बढ़ाने का काम भाजपा सरकारों ने ही किया है। कांग्रेस ने तो शहीदों और पूर्व सैनिकों की हमेशा अनदेखी की है। मंडी संसदीय सीट पर उपचुनाव के दौरान कांग्रेस की प्रत्याशी और पार्टी मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कारगिल को छोटा युद्ध कहकर शहीदों का अपमान किया था।
इस मौके पर नयनादेवी भाजपा अप्पर मंडल अध्यक्ष लेखराम ठाकुर, लोअर मंडल अध्यक्ष बालकृष्ण ठाकुर, भाजपा भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रेम सिंह मिन्हास व कैप्टन प्रविंद्र तथा जिला परिषद उपाध्यक्ष प्रेम सिंह ठाकुर आदि भी मौजूद थे।