बिलासपुर की कीर्ति ने विदेशों में बजाया अपनी काबिलियत का डंका

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आवाज़ ए हिमाचल 

                अभिषेक मिश्रा ( बिलासपुर )

28 अक्तूबर । हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला के छोटे से गाँव रघुनाथपुरा में पली-बड़ी कीर्ति सिंह चंदेल आज सिंगापुर में अपनी निजी कंपनी की प्रमुख है। वह अपनी योग्यता के बल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक पर जबरदस्त तरीके से काम करके सिंगापुर में पर्यटन, उद्योग और स्वास्थ्य सेवाओं पर काम कर रही है। जी हां सरलतम शब्दों में कहें तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ एक मशीन में सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना होता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कंप्यूटर साइंस का सबसे उन्नत रूप माना जा रहा है और इसमें एक ऐसा रूप बनाया जाता है, जिसमें कंप्यूटर सोच सके, जो बिल्कुल कंप्यूटर का ऐसा दिमाग, जो इंसानों की तरह सोच सके।

कीर्ति सिंह चंदेल कहती है कि कोविड 19 के चलते उन्होंने यूनाइटेड नेशंस की संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन पर भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर कई परामर्श दिए जो कि यू ट्यूब पर मौजूद हैं। वर्तमान में सिंगापुर की सरकार को कीर्ति और उसकी टीम विश्व पर्यटन और व्यापार में, खास कर हेवी इंडस्ट्री में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर सिंगापुर सरकार के साथ प्रोजेक्ट कर रही है। जिसमे उनका मुख्य उद्देश्य पर्यटन और व्यापार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग विश्व स्तर पर किया जा सके। कीर्ति का मानना है कि अभी विश्व पटल पर पर्यटन और व्यापार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अपार संभावनाएं हैं जिनको एक्सप्लोर करना अभी बाकी है।

कीर्ति पेशे से एक इंजीनियर है लेकिन अपनी प्रबंधन की कुशल तकनीक से आज दुबई और एशिया पैसिफिक देशों में कई परामर्श सम्मेलनों में अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय दे चुकी है। बिलासपुर पब्लिक स्कूल (बीपीएस) से मेट्रिक, बिलासपुर कन्या विद्यालय से सांइस में 10 जमा 2 करने के बाद, बद्दी विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन तकनीक में इंजीनियरिंग फिर एम. टेक “मिसाइल कम्युनिकेशन” कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से करने के साथ साथ विश्व की “स्मार्ट बिंग” अमेरिकन स्टार्टअप कंपनी में अपनी सेवाएं देने के बाद अब Woo-Hoo-AI कम्पनी में सिंगापुर में कंपनी हेड की सेवाएं बतौर कंसल्टेंट सिंगापुर की सरकार को दे रही है।

जिसका मोटे तौर पर अर्थ है “एक्सप्रेशन ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस”। कीर्ति अभी अपनी पढ़ाई को जारी रखते हुए कहती है कि वह इसी क्षेत्र में डॉक्टोरेट भी करना चाहती है। कीर्ति के पिता प्रदीप सिंह चंदेल पेशे से वकील है और अपने पुश्तैनी व्यवसाय की देखभाल भी करते रहते है, माता मधु सिंह चंदेल एक सभ्रांत ग्रहणी और अपने बच्चों की एक अच्छी मार्गदर्शक हैं। कीर्ति चाहती है कि वह विश्व मे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सकारात्मक उपयोग मानव सभ्यता के विकास के लिए होना चाहिए और जहां तक बिलासपुर का प्रश्न है वहाँ पर बच्चों की शिक्षा पर गुणवत्तापूर्ण पहल की जानी चाहिए इसके लिए जो भी संभव मदद होगी वह करने को तैयार है।

 

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