बिलासपुर: एसीसी इंटक कर्मचारी संघ का जल्द चुनाव न करवाने पर कर्मचारी खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा 

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आवाज़ ए हिमाचल

अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर।

30 मार्च। एसीसी इंटक कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की मनमानी और आज तक अवैध रूप से कर्मचारी संघ पर कुंडली मारने को लेकर खफा कर्मचारियों ने मंगलवार को एक अहम बैठक की। बैठक एसीसी इंटक कर्मचारी संघ के पूर्व प्रधान मस्तराम ठाकुर की अध्यक्षता की गई।

इस अहम बैठक में संघ के पूर्व प्रधान मस्तराम ठाकुर ने कारखाने के अंदर संघ के पदाधिकारियों की कार्य सीमा समाप्त हो जाने के वावजूद भी चुनाव नहीं किए जाने को लेकर भारी रोष जताते हुए कहा कि संविधान के अनुसार वर्ष 2018 में एसीसी में चैनसिंह कार्यकारिणी का कार्यभार पूरा हो चुका है,  परन्तु कार्यकाल पूरा हो जाने के वावजूद भी चुनाव नहीं करवाकर संविधान के नियमो को सरेआम दरकिनार किया जा रहा है।

उनका कहना है कि वर्ष 2018 में जो कर्मचारी हित में और संविधान के अनुसार चुनाव होने थे और अब वर्ष 2022 भी चल पड़ा है, परन्तु मौजूदा कार्यकारिणी के प्रतिनिधि कम्पनी प्रबंधन की शह में पूरी तरह मनमानी कर रहे है और अपनी वर्ष 2018में कार्यकाल सीमा पूरी हो जाने के वावजूद भी 3 वर्ष का अतिरिक्त समय ले चुके है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2018में कार्यकारिणी के स्वयंभू पदाधिकारियों ने कम्पनी प्रबंधन से मिलकर वेज़ सेलमेंट की थी जोकि कर्मचारी अहित में लिया गया फैसला था और अभी भी चुनाव नहीं करवाए गए तो वर्ष 2022में भी यही मजदूर विरोधी फैसला कार्यकारिणी में बैठे इन तथाकथित पदाधिकारियों द्वारा लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी के इन पदाधिकारियों द्वारा कोई भी कार्य मजदूर हित में नहीं किया गया। यहां तक कि केंटीन में खाने की सुविधा वर्षो से कर्मचारियों को मिल रही थी उसे भी इनके कार्यकाल में एसीसी मैनेजमेंट ने बंद करवा दिया।उन्होंने कहा कि एसीसी इंटक कर्मचारियों द्वारा तुरंत चुनाव करवाए जाने को लेकर हस्ताक्षर अभियान चल पड़ा है, जिसकी एक प्रतिलिपि ज्ञापन सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री को दी जाएगी।

 

एसीसी प्रबंधन से भी उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि इंटक कार्यकारिणी की समय सीमा वर्ष 2018में पूरी हो चुकी है। इसलिए कम्पनी प्रबंधन संविधान के नियमों का पालन कर तुरंत चुनाव किए जाने का आदेश दे, अन्यथा एसीसी इंटक कर्मचारियों को एसीसी प्रबंधन एवं तथाकथित कार्यकारिणी पदाधिकारियों की मनमानी के खिलाफ न्यायालय  का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।

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