आवाज़ ए हिमाचल
बिलासपुर, 3 मई। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के कोठीपुरा में निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का ओपीडी भवन 15 जून से शुरू करने की कवायद तेज हो गई है। ओपीडी स्थानांतरित होने के बाद लोगों को चिकित्सक से जांच करवाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करवाना पड़ेगा।
ओपीडी भवन में जाने के कुछ समय बाद चिकित्सक पूरा दिन ओपीडी में मरीजों की जांच करेंगे। अभी एम्स में ऑनलाइन पंजीकरण के ढाई हफ्ते बाद चेकअप के लिए बारी आ रही है। रोजाना करीब 350 मरीजों का उपचार होता है।
वर्तमान में अस्थायी ओपीडी आयुष भवन में चलाई जा रही है। मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण भीड़ हो रही है। बिलासपुर अस्पताल में चिकित्सकों के पद खाली होने से जिले की सारी आबादी को स्वास्थ्य जांच के लिए एम्स का रुख करना पड़ रहा है। अन्य जिलों से भी मरीज एम्स पहुंच रहे हैं। हालात यह हैं कि एमडी मेडिसिन के पास तो एम्स में लोगों को जांच करवाने के लिए दो से ढाई हफ्ते का इंतजार करना पड़ रहा है।
ओपीडी भवन में ओपीडी शुरू होने के बाद लोगों को लंबे इंतजार से निजात मिलेगी। आयुष ब्लॉक में एक रूम में दो ओपीडी चलानी पड़ रही हैं। इस कारण चिकित्सक पूरा दिन ओपीडी में नहीं बैठ पाते हैं। ओपीडी भवन में शिफ्ट होने के बाद इस समस्या का भी समाधान होगा। अन्य मेडिकल संस्थानों की तरह यहां भी मरीजों को दिन के किसी भी समय बिना किसी प्रस्तावित समय के स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जून में एम्स में मरीजों को भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है। जानकारी के अनुसार अभी तक एम्स के 80 फीसदी स्वास्थ्य उपकरण ओपीडी में पहुंच चुके हैं। बाहरी देशों से आने वाली मशीनरी की इसी सप्ताह पहुंचने की उम्मीद है।