बिना शिक्षकों के चल रहा जुखाला कॉलेज, छात्र माइग्रेशन करवाने को मजबूर

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 प्रिंसीपल का पद भी रिक्त, आर्ट्स संकाय पढ़ाने वाला कोई अध्यापक नहीं

आवाज़ ए हिमाचल

अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। एक तरफ जहाँ प्रदेश सरकार स्कूलों को अपग्रेड कर और नए नए स्कूल, कॉलेज खोलकर बेहतर शिक्षा देने के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं दूसरी तरफ इन दावों की तस्वीर उलटी नजर आ रही है। प्रदेश में कई ऐसे स्कूल और कॉलेज हैं, जिनमें पढ़ने वाले बच्चे तो हैं पर पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं हैं।

ऐसा ही हाल आजकल राजकीय महाविद्यालय जुखाला का बना हुआ है। इस कॉलेज में प्रिंसीपल तक का पद रिक्त चल रहा है और बाकी शिक्षकों के भी कुल आठ पद रिक्त चल रहे हैं। आर्ट्स संकाय के छात्रों का तो बेहद बुरा हाल है। आर्ट्स संकाय के लगभग 300 छात्रों को पढ़ाने के लिए एक भी  शिक्षक उपलब्ध नहीं है।

जानकारी के अनुसार इस कॉलेज में हिंदी, इंग्लिश, संस्कृत, इतिहास, शारीरिक शिक्षा का एक भी शिक्षक उपस्थित नहीं है, जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई खराब हो रही है। इस कॉलेज में प्रिंसीपल के पद के साथ-साथ हिंदी के एक, अंग्रेजी के दो, संस्कृत के एक, इतिहास के एक, भौतिक विज्ञान के एक, वनस्पति विज्ञान के एक तथा शारीरिक शिक्षा के एक शिक्षक का पद रिक्त है।अब ऐसे में छात्रों को अन्य कॉलेज में माइग्रेशन करवाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। आर्ट्स संकाय के छात्रों को अब दूर-दराज के कॉलेज में जाकर अपनी पढ़ाई करनी पड़ेगी।

अभिभाकों ने मुख्यमंत्री लगाई रिक्त पदों को जल्द भरने की गुहार 

बलवीर सिंह, बृज लाल, चमन लाल, पुरुषोतम शर्मा, रामकृष्ण, राजकुमार, प्रेमलाल, चुनीलाल, लाल मन सहित दर्जनों अभिभावकों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि इस कॉलेज में  शिक्षकों के रिक्त चल रहे पदों को जल्द से जल्द भरा जाए, ताकि छात्रों की पढ़ाई नियमित रूप से चल सके और बच्चों का भविष्य ख़रा ब न हो।

 

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