आवाज ए हिमाचल
विनोद चड्ढा,बिलासपुर
13 दिसंबर।बिजली बोर्ड में करुणामूलक आश्रितों के लगभग 782 मामले लंबित पड़े है,जो बोर्ड द्वारा 10 से 15 सालों से लटकाएं हुए हैं।बिजली बोर्ड में 5 प्रतिशत कोटे के हिसाब से 350 पद बनते है,पर बोर्ड द्वारा करुणामूलक आश्रितों को कोटा नही दिया जा रहा,जिस बजह से आश्रित परेशान होकर दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर है।एक तो आश्रित परिवारों ने अपने परिवार का सदस्य खोया है और दूसरी तरफ बोर्ड करुणामूलक मामलों को लम्बे समय से लटकाए हुए है। करुणामूलक मामलों में ऊर्जा मंत्री भी चुपी साधे हुए है।उनकी तरफ से भी आश्वासन नही मिला है।बता दें कि 2017 में टी मेट की 1200 पदों पर भर्ती हुई है,उसमे भी करुणामूलक आश्रितों को कोटा नही मिला।अभी भी बोर्ड 2020 में 1892 पदों पर टी मेट और JOA की 425 पदों की भर्ती कर रहा।आश्रितों को इसमें भी कोटे से वंचित रखा गया हैं।एक तरफ सरकार कहती है कि टोटल पोस्टों का 5 प्रतिशत कोटा करुणामूलकों के लिए आरक्षित हैं,दूसरी तरफ बिजली बोर्ड करूणामूलकों को कोई कोटा नही दे रहा।सरकार कब तक करुणामूलक आश्रितों के साथ अन्याय करती रहेगी।