आवाज़ ए हिमाचल
स्वर्ण राणा, नूरपुर
03 फरवरी। नेशनल कॉर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर के आह्वान पर आज हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत कर्मचारी यूनियन नूरपुर, जवाली व फतेहपुर ज़ोन के विद्युत कर्मचारियों ने यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन मोहल की अध्यक्षता में विद्युत मंडल नूरपुर के में धरना दिया और नूरपुर बाजार में एक रैली निकाल कर केंद्र सरकार द्वारा बिजली बोर्ड के निजीकरण का जोरदार विरोध किया।इस मौके पर हिमाचल प्रदेश राज्य बिधुत कर्मचारी यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन मोहल व नूरपुर यूनिट के सचिव अरुण सहोत्रा ने बताया कि इस कानून के आने के बाद कर्मचारियों की सेवा शर्तों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और इसके साथ कंज्यूमर को भी मंहगी दरों पर बिजली मिलेगी।यह कानून न तो कर्मचारियों के हक में है और न ही देश और प्रदेश की जनता के हक में है।
उन्होंने केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार से कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी क्षेत्र को रोशन करने के लिए हिमाचल प्रदेश के विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों और इंजीनियरों ने बड़ी मेहनत से हर घर को रोशन किया और इस कार्य को करते समय कई विद्युत कर्मचारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। आज जब एक विशाल ढांचा बनकर तैयार है इसे निजीकरण करने का इसे ठेकेदारों के पास गिरवी रखने का कोई औचित्य नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि यूनियन जानना चाहती है कि जब हिमाचल जैसे पहाड़ी क्षेत्र को रोशन करना था तब इस कार्य को करने के लिए कोई भी ठेकेदार आगे क्यों नही आया जबकि आज इसे निजी हाथों में सौंपने का क्या कारण है।
उन्होंने इस विरोध सभा के माध्यम से प्रदेश सरकार व विधुत बोर्ड प्रबंधक वर्ग से मांग की कि उनकी लंबे समय से लंबित मांगो जल्द पूरा किया जाए जिसमें करुणामूलक आधार पर लंबित पड़े मामलों को जल्द निपटाया जाए,जूनियर टीमेट, जूनियर हेल्पर,जेओ आइटी के पदोन्नति नियम बनाए जाए। विघुत बोर्ड में।रिक्त पड़े पदों को जल्द भरा जाए।इस दौरान जिला संगठन सचिव अश्वनी परिहार,नूरपुर यूनिट के सचिव अरुण सहोत्रा,नूरपुर जॉन के जोनल सचिव जोध सिंह पठानिया,200 केबी यूनिट के प्रधान बिक्रम सिंह,वरिष्ठ उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह,सचिव राजू,जवाली यूनिट के प्रधान मिलाप सिंह,सचिव बालकिशन शर्मा,गनोह यूनिट के प्रधान अजय शर्मा,सचिव भजन सिंह,डमटाल यूनिट के प्रधान अमीर चंद,सचिव विकास खजुरिया,सुल्याली यूनिट के प्रधान पुरुषोत्तम सिंह,फतेहपुर के जोनल सचिव केवल सिंह राणा आदि मौजूद थे।