बिजली बोर्ड के एमडी ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो होगा घेराव:नेक राम ठाकुर

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आवाज़ ए हिमाचल

गोपाल दत्त शर्मा,राजगढ़
02 दिसंबर।आज प्रदेश में दिन प्रतिदिन जहां एक तरफ विद्युत लाइनों का विस्तार हो रहा है और ट्रांसफार्मर की संख्या बढ़ रही है।इसके साथ-साथ उपभोक्ताओं की संख्या में भी इजाफा हो रहा है,वहीं दूसरी तरफ विभाग में तकनीकी कर्मचारियों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। यह बात हिमाचल प्रदेश विद्युत विभाग के तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश से सचिव नेक राम ठाकुर ने कही। ठाकुर ने कहा कि प्रदेश बिजली बोर्ड प्रबंधन के समक्ष तकनीकी कर्मचारियों की समस्याओं को पिछले तीन वर्ष से उठाया जा रहा है। बिजली बोर्ड में जूनियर टी मेट व जूनियर हेल्पर की नई भर्तिया की गई है।पिछले अधिवेशन में इनके नियमित करने के समय को 5 से 3 वर्ष करने की मांग की गई थी।सरकार ने इस मांग को मानकर घोषणा भी कर दी थी, लेकिन यह अफ़सोस का विषय है कि यह मांग घोषणा तक ही सीमित रह गई। नेकराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने 5 सितम्बर 2021 को एक बार यही घोषणा फिर से कर दी और एक ही घोषणा दूसरी बार करने के भी तीन माह बीत गए है, लेकिन उसे अमलीजामा नही पहनाया जा सका। प्रदेश महामंत्री ने कहा कि राजगढ़ में तकनीकी कर्मचारी रात-रात भर काम करते है,लेकिन उनके लिए आवास की भारी कमी है।पुरे उपमंडल में केवल 12 आवास है और इनमे से टाईप 1 व टाईप टू भी अधिकारियो को प्रदान किए गए है।उन्होंने अधिशासी अभियंता राजगढ़ से इन आवासों को खाली करवाकर पात्र कर्मचारियों को प्रदान करने की मांग की।उन्होंने कहा कि आवास के लिए बिजली बोर्ड ने लगभग 32 लाख का पर्याप्त बजट हर मंडल को जारी किया है। राजगढ़ और चाड़ना में तो विभाग के पास जमीन भी उपलब्ध है।दोनों जगह नए आवास बनाए जाने चाहिए।ठाकुर ने प्रदेश के कुछ तकनीकी कर्मचारियों को मोबाईल भत्ता न मिलने पर भी खेद जताया। उन्होंने कहा कि कुछ विषयों को लेकर बिजली बोर्ड प्रबंधन को मांग पत्र भी सौंपा है।नवनियुक्त एमडी से भी आग्रह किया गया है, लेकिन वार्ता के लिए नही बुलाया जा रहा है।आगामी 15 से 22 दिसम्बर के मध्य प्रदेश कार्य समिती की बैठक होने जा रही है और यदि इससे पूर्व वार्ता के लिए नही बुलाया जाता है तो बिजली बोर्ड प्रबंधन का घेराव कर तकनीकी कर्मचारियों की मांगो को पूरा करवाने का प्रयास किया जायेगा ठाकुर ने कहा कि तकनीकी स्टाफ की भारी कमी के कारण तकनीकी कर्मचारियों को दिन रात काम करना पड रहा है,जिसके कारण उन्हे भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है।

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