आवाज़ ए हिमाचल
05 अप्रैल। ऐसे में हिमाचल प्रदेश में अगले महीने बिजली का नया टैरिफ आएगा। यह टैरिफ पहली अप्रैल से ही लागू होगा, जिस पर नियामक आयोग ने काम शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार राज्य बिजली बोर्ड ने अपनी पेटिशन दायर कर दी है और इस पैटिशन में बोर्ड ने पहले से ज्यादा बजट की डिमांड रखी है। सूत्र बताते हैं कि टैरिफ पर चर्चा के लिए विद्युत नियामक आयोग ने बिजली बोर्ड प्रबंधन को बुला लिया है। 27 अप्रैल को इस पर सुनवाई की जाएगी और वहां पर बोर्ड अपना पक्ष रखेगा। बोर्ड ने जो बजट डिमांड किया है, उसको लेकर उसे अपना पक्ष रखना होगा, जिसके बाद टैरिफ पर फैसला होगा। उम्मीद है कि इसके बाद आयोग जन सुनवाई का मौका देगा और फिर मई महीने में नया बिजली टैरिफ घोषित हो जाएगा। इस बार संभावना है कि प्रदेश में बिजली की वर्तमान दरों को बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि दो साल से यह दरें नहीं बढ़ी हैं और बिजली बोर्ड को इसका नुकसान हो रहा है।
हालांकि बिजली की दरें बढ़ती हैं तो प्रदेश के आम उपभोक्ताओं को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा, मगर बोर्ड का खर्चा पूरा करने के लिए यह जरूरी भी है। पिछले साल जो टैरिफ आया था, उसमें दरों को नहीं बढ़ाया गया, वहीं उससे पिछले साल भी दरें नहीं बढ़ीं। अब 2023 तक का टैरिफ बिजली नियामक आयोग यहां लागू करने वाला है। तीन साल के लिए टैरिफ प्लान नियामक आयोग को सौंपा गया है, जिसमें देखना होगा कि इस साल के लिए कितने दरें बढ़ती हैं। वैसे लोगों पर महंगाई की मार लगातार पड़ रही है, जिस पर बिजली की दरें भी बढ़ती हैं, तो और दिक्कत होगी। बिजली बोर्ड ने पहले से ज्यादा बजट की डिमांड रखी है, जिसमें तय है कि बिजली दरों में वृद्धि होगी। बता दें कि उद्योगों के लिए भी बिजली की दरें पिछले सालों में नहीं बढ़ाई गई हैं। एक साल पहले यहां पर निवेश को लाने के लिए सरकार चाहती थी कि उद्योगों को दरें न बढ़ें, वहीं पिछले साल कोरेना की मार की वजह से नियामक आयोग ने इन दरों को नहीं बढ़ाया था। अब जब सब कुछ सामान्य हो चला है, पर कोेरोना की मार अभी भी कायम है। पिछले साल लॉकडाउन की वजह से दरों को नहीं बढ़ाकर राहत दी गई थी, परंतु इस बार ऐसा शायद ही होगा। ऐसे में अब 27 अप्रैल को बिजली बोर्ड अपना पक्ष नियामक आयोग के समक्ष रखेगा, जिसके बाद आयोग जनसुनवाई करेगा।