बासङे का मेला:परवाणू के शीतला माता मंदिर में दूसरे मंगलवार को सुबह चार बजे लगी श्रद्धालुओं की लाइनें

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आवाज़ ए हिमाचल

यशपाल ठाकुर,परवाणू

02 अप्रैल।परवाणू में प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर का दूसरे मंगलवार को बासडे का बड़ा मेला आयोजित हुआ।इस दौरान हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु दूर दराज के क्षेत्रों व दूसरे राज्यों से परवाणू पहुंचे और माता शीतला मंदिर के दर्शन कर दूसरे मंगलवार को लगने वाले बड़े मेले का आनंद लिया।दूसरे मंगलवार को लगने वाले इस मेला को इसलिए बड़ा माना जाता है,क्योंकि जो लोग पहले मंगलवार को शीतला माता के दर्शन करने नहीं पहुंचते है,वे दूसरे मंगलवार को भी मां के दर में माथा टेकने आते है। बासडे के मेले में हज़ारों श्रद्धालुओं ने माता शीतला के मंदिर में शीश नवा कर पूजा अर्चना की।इस दौरान अल्प सुबह 4 बजे से पहले ही मां के दर्शनों के लिए लंबी लंबी लाईने लग गई थी।इस मंदिर की बड़ी मान्यता है और स्थानीय जनता संग साथ लगते राज्य से भी श्रद्धालु यहां माथा टेकने आते है और सवेरे 5 बजे से ही मेले के लिए बाजार सज जाता है। सुबह ही मेले में रोनक लगना शुरू हो जाती है,जैसे जैसे दिन निकलता है,मंदिर में लगने वाली लाइने और लंबी होती जाती हैं। ये पर्व होली के बाद आने वाले पहले मंगलवार से तीन मंगलवार तक चलता है,जिसमे लोग व्रत रखते है।यहां बता दे कि शीतला माता को चेचक रोग एवं त्वचा से जुड़े रोगों को ठीक करने की देवी भी माना जाता है।शीतला माता के पर्व को हिंदू समाज में बास्योड़ा नाम से जाना जाता है। इस पर्व के एक दिन पहले शीतला माता के भोग को तैयार किया जाता है और दूसरे दिन बासी भोग को माता शीतला को चढ़ाया जाता है।
माना जाता है कि शीतला देवी की पूजा अर्चना से चेचक रोग नहीं होता। छोटे बच्चों को चेचक से बचाने के लिए विशेषकर शीतला देवी की पूजा की जाती है।शीतला माता मंदिर मेले को जिला स्तरीय मेला घोषित करने के लिए लंबे समय से कई समाजसेवी संस्थाओं द्वारा मांग की गई है,लेकिन अभी तक इस मेले को जिला स्तरीय मेले का दर्जा नहीं मिल पाया है।

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