चार शिफ्टें चलानी हुई मुश्किल, 26 हाईड्रेंट पड़े खराब
आवाज़ ए हिमाचल
यशपाल ठाकुर,परवाणू। औद्योगिक नगरी परवाणू बारूद के ढेर पर बैठी नजर आ रही है, कारण है यहाँ के एकमात्र फायर ब्रिगेड स्टेशन में सुविधाओ की कमी| आलम यह है की प्रदेश की सबसे पहली औद्योगिक नगरी परवाणू में फायर ब्रिगेड विभाग के महज 20 कर्मी 400 औद्योगिक इकाइयों व आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों की सुरक्षा की ज़िम्मेवारी संभाले हुए है। अपर्याप्त स्टाफ के अलावा विभाग को हाइड्रेंट की कमियों से भी दो चार होना पड़ रहा है। परवाणू के अधिकांश हाईड्रेंट निर्माण कार्यों के नीचे दब चुके है, जिसके चलते पानी की समस्या से विभाग को जूझना पड़ रहा है। इसके बावजूद भी फायर कर्मी आगजनी की घटनाओं का पूरी बहादुरी से सामना करते रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश द्वार परवाणू का अग्निशमन विभाग हाइड्रेंट व स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। औद्योगिक नगर परवाणू के साथ साथ अग्निशमन विभाग के पास पूरा कसौली मंडल है जो की क्षेत्रफल के आधार पर बहुत बड़ा एरिया है लेकिन पुरे कसौली मंडल की देख रेख का जिम्मा मात्र 20 फायर कर्मियों पर है। बड़ा एरिया होने के हिसाब से परवाणू अग्निशमन विभाग के पास पर्याप्त सुविधाएं नहीं है।
स्टाफ की बात करे तो लगभग 20 सैंक्शंड व 4 एडिशनल पोस्ट यहाँ स्वीकृत है। यहाँ 3 फायर मैन, 1 फायर ऑफिसर की कमी है। बात करे लिडिंग ऑफिसर की तो यहां 3 पोस्ट हैं, परन्तु शिफ्ट लगाए जाने के हिसाब से यहां 4 लिडिंग ऑफिसर होने चाहिए जो चारों शिफ्टों में कार्य कर सकें। इसलिए एक लीडिग ऑफिसर की कमी अभी भी है । इसके अलावा कई बार कुछ कर्मी बिमारी या अन्य किसी कार्य की वजह से छुट्टी पर होते हैं तो परेशानी और भी बढ़ जाती है।
हाईड्रेंट्स की बात करे तो परवाणू शहर व आसपास के क्षेत्रों में लगे लगभग 36 हाईड्रेंट हैं, जिनमें सिर्फ 10 फिलहाल कार्य कर रहे हैं और 26 किन्हीं कारणों से बंद पड़े है या अन्य विकासात्मक कार्यों के चलते जमीन के नीचे दब चुके है। ले देकर हिमुडा कार्यालय के बाहर एक हाइड्रेंट है जोकि वहाँ पार्क किए वाहनों के नीचे दबा रहता है। परवाणू अग्निशमन विभाग द्वारा उस हाइड्रेंट के किनारे ईंटों की चारदीवारी लगाने का निवेदन किया गया था, परन्तु अब तक उस पर भी कोई कारवाई नहीं की गई है।
क्या कहते हैं फायर ऑफिसर?
इस बारे परवाणू अग्निशमन विभाग के फायर अफसर टेकचंद ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने बताया की क्षेत्र बड़ा होने के मुक़ाबले यहां स्टाफ की संख्या रोज़ाना लगाई जाने वाली चार शिफ्टों के आधार पर कम है। इसके साथ ही हाईड्रेंट की बात करें तो अधिकतर हाईड्रेंट बंद पड़े हैं। टेकचंद ठाकुर ने बताया की उच्चाधिकारियों को भी इस बारे अवगत करवाया गया है और हाईड्रेंट सुविधाओं को लेकर भी स्थान चिन्हित कर नए हाईड्रेंट लगाए जाने की मांग चल रही है। पानी की समस्या को लेकर उन्होंने कहा की इस बारे अग्निशमन विभाग द्वारा हिमुडा से सीधी लाइन की मांग की गयी है। हिमुडा अथॉरिटी द्वारा जल्द समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया गया है। टेकचंद ठाकुर ने बताया की उच्चाधिकारियों को भी इस बारे अवगत करवाया गया है और उन्होंने जल्द ही समस्या समाधान का आश्वासन दिया है।