बारिश से बर्बाद हुईं प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना की सडक़ें

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केंद्र के पैसों से बनी सडक़ें बहीं

आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। बरसात के कहर से नुकसान हिमाचल का हुआ है पर योजनाएं केंद्र सरकार की बह गई हैं। पीडब्ल्यूडी में ज्यादातर नुकसान प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के हिस्से आया है। ग्रामीण इलाकों में पीएमजीएसवाई एक और दो के बजट से जिन सडक़ों का निर्माण राज्य सरकार ने करवाया था वो अब भू-स्खलन की भेंट चढ़ गई हैं। मौसम में हल्के सुधार के बीच पीडब्ल्यूडी का नुकसान लगातार बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में विभाग के आंकड़ों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। विभाग की ताजा रिपोर्ट में नुकसान 1056 करोड़ 23 लाख रुपए जा पहुंचा है। विभाग को 344 करोड़ की चपत बीते 48 घंटे में लगी है। गुरुवार को 188 करोड़ रुपए तो शुक्रवार को इस आंकड़े में 156 करोड़ रुपए और जुड़ गए हैं। दिन गुजरने के साथ विभाग के नुकसान के आंकड़े बदल रहे हैं। बीते 48 घंटे में युद्धस्तर पर छेड़े गए काम की वजह से विभाग ने 311 सडक़ों को बहाल कर लिया है। अभी भी प्रदेश में 868 सडक़ों पर यातायात बहाल नहीं हो पाया है। अकेले राजधानी शिमला के अलग-अलग हिस्सों में करीब 568 सडक़ों पर ट्रैफिक ठप है। इन सडक़ों के बंद होने की वजह से बागवान चिंतित है। राहत की बात यह है कि बीते 48 घंटे में शिमला जोन की 121 सडक़ें बहाल हो चुकी हैं। समूचे जिला में 393 करोड़ के नुकसान का आकलन किया है। ज्यादातर सडक़ें ग्रामीण इलाकों को जोड़ती हैं और इन सडक़ों पर सेब से लदे ट्रकों की आवाजाही अब बढऩे वाली थी। फिलहाल, जो गाडिय़ां जहां हैं वहीं खड़ी हैं। इससे चालकों को भारी नुकसान हुआ है।

अन्य प्रदेश की बात करें तो मंडी जोन में 242 सडक़ें बाधित हैं। इनमें 154 सडक़ें कुल्लू सर्किल में ठप हैं, जबकि 80 सडक़ें मंडी सर्किल में बहाल नहीं हो पाई हैं। मंडी जोन में 363 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन हो चुका है। इनमें से सबसे ज्यादा 235 करोड़ रुपए का नुकसान कुल्लू सर्किल में हुआ है। हमीरपुर जोन में 27 सडक़ें अभी भी बाधित हैं। यहां पीडब्ल्यूडी ने अभी तक 139 करोड़ के नुकसान का अनुमान है।

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