बायोमीट्रिक मशीन घोटाला: कांगड़ा के पूर्व सीएमओ के वित्तीय लाभ और पेंशन रोकी

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आवाज़ ए हिमाचल

03 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बायोमीट्रिक मशीन खरीद घोटाले के आरोप में हिमाचल प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत्त हो चुके कांगड़ा के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के वित्तीय लाभ और पेंशन रोक दी है। आरोप है कि तत्कालीन सीएमओ ने जिले के स्वास्थ्य संस्थानों के लिए तय कीमत से चार गुणा अधिक दाम पर बायोमीट्रिक मशीनें खरीदकर सरकारी राजस्व को 24 लाख रुपये का चूना लगाया। इस मामले में विभाग के छानबीन करने के बाद सरकार ने फाइल अब विभागीय जांच आयुक्त को सौंप दी है। जांच आयुक्त की रिपोर्ट के बाद सेवानिवृत्त सीएमओ पर कार्रवाई होगी।


इस मामले में पूर्व सीएमओ ने खुद को निर्दोष बताकर सरकार से मामला खारिज करने की अपील की थी। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य संस्थानों में बायोमीट्रिक मशीनें लगाने के लिए 31 अक्तूबर, 2017 को निर्देश हुए थे। इसके बाद ही सरकार ने सीएमओ को मशीनें खरीदने के आदेश जारी किए थे। कांगड़ा जिले में सीएमओ के निर्देशानुसार ही स्वास्थ्य संस्थानों में ये मशीनें खरीदीं गईं। आरोप है कि जो मशीन 15 हजार रुपये की थी, उसे 40120 रुपये में खरीदा गया। मशीनें एचपी हैंडलूम कारपोरेशन से खरीदीं गईं। नियमों और उचित प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए वर्ष 2017 में कांगड़ा जिले में 66 स्वास्थ्य संस्थानों में 24 लाख रुपयों से 82 मशीनें लगाई गईं। इससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ है।


आरोप पत्र भी हुआ है जारी 
जिला कांगड़ा के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के लिए जो महंगी बायोमीट्रिक मशीनें खरीदीं गईं थीं, उसके लिए तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा पर पेंशन नियम 9 के तहत 29 जुलाई, 2019 को आरोप पत्र जारी किया था।

 

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