आवाज़ ए हिमाचल
06 मार्च। हिमाचल प्रदेश सहित बाहरी राज्यों के शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले हिमाचली मूल के अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को अब बायोमीट्रिक मशीनों से हाजिरी लगाने पर ही छात्रवृत्ति मिलेगी। केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति फर्जीवाड़े रोकने को बड़ा फैसला लिया है। इसके लिए छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले सभी शिक्षण संस्थानों को 30 जून 2021 तक आधार बेसड अटेंडेंस मशीनें लगानी होंगी।
अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में केंद्र सरकार ने संशोधन किया है। नए नियमों में वर्ष 2024 तक नैक की मान्यता लेने वाले शिक्षण संस्थान ही 2025-26 से छात्रवृत्ति लेने के लिए पात्र होंगे। अब आवेदन के समय विद्यार्थियों को दस्तावेज भी जमा नहीं करवाने पड़ेंगे। इनके दस्तावेजों की जांच डिजिटल तरीके से डाटाबेस से ही की जाएगी। शैक्षणिक प्रमाणपत्रों सहित आय प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र को संबंधित विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और सरकारी विभागों के डाटाबेस से डिजिटल माध्यम से जांचा जाएगा।
इसके अलावा विद्यार्थियों को बैंक अकाउंट देने की जरूरत भी नहीं रहेगी। आधार नंबर से जुड़े बैंक खातों में सीधे छात्रवृत्ति डाली जाएगी। शिकायतों का निवारण करने के लिए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली भी तैयार कर दी है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने जनवरी 2021 से मार्च 2026 तक छात्रवृृत्ति जारी करने को लेकर नियमों में संशोधन किया है।
प्रदेश में और बाहरी राज्यों में स्थित ऐसे निजी व सरकारी कॉलेजों जहां हिमाचली मूल के अनुसूचित जाति के विद्यार्थी पढ़ते हैं के प्रिंसिपलों को पत्र जारी नए नियमों से अवगत करवा दिया गया है। इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग के सभी जिला उपनिदेशकों को भी जानकारी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 के दौरान शिक्षण संस्थान बंद होने के चलते केंद्र सरकार से इस अवधि के लिए हाजिरी की अनिवार्यता में छूट देने की मांग की गई है। सभी कॉलेजों में 30 जून 2021 तक आधार नंबर से युक्त बायोमीट्रिक मशीनें भी लगा दी जाएंगी।