बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने लाहौल स्पीति घाटी पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

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आवाज़ ए हिमाचल

ब्यूरो, क़ाज़ा

31 जुलाई।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लाहौल-स्पीति जिला के उदयपुर उपमंडल के अंतर्गत 27 जुलाई को तोजिंग नाला में आई बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए शनिवार को इस क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और प्रभावित लोगों से बातचीत की। उदयपुर क्षेत्र की पट्टन घाटी में फंसे लोगों में कुछ पर्यटक और स्थानीय लोग शामिल हैं, जिनमें से 178 को शनिवार को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।उन्होंने कहा कि 37 लोग जाहलमा, 14 लोग फूडा और 15 शांशा में फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री शांशा नाला पहुंचे जहां बाढ़ के कारण सड़क को भारी नुकसान पहुंचा है और कई पुलों को क्षति पहुंची है। सीएम ने सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों से पुल के शीघ्र पुनर्निर्माण के संबंध में चर्चा की। बीआरओ के अधिकारियों ने उन्हें अवगत करवाया कि पुल निर्माण के लिए मशीनरी तैनात की दी गई है और पानी का बहाव कम होते ही इसके निर्माण का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उदयपुर क्षेत्र की पट्टन घाटी से सुरक्षित बचाए गए लोगों से मिले और उनका कुशलक्षेम जाना। तोजिंग नाला में बहे दस लोगों में से सात के शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि बाकी तीन लोगों को ढूंढने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने पानी के बहाव में बह गए एक व्यक्ति मीन सिंह बहादुर की पत्नी से भी बातचीत की और उन्हें सांत्वना देते हुए कहा कि सरकार उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी।उन्होंने कहा कि पानी में बहे लोगों की तलाश में आईटीबीपी ने सराहनीय कार्य किया है और बाकी लोगों को ढूंढने के लिए भी प्रयास युद्ध स्तर पर जारी हैं। मुख्यमंत्री ने बाद में किरटिंग में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ चर्चा की और उन्हें बाढ़ के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए। सीएम ने मुख्य सड़क मार्ग की बहाली तक वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था करने के लिए भी कहा।जयराम ठाकुर ने कहा कि मुश्किल की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। जिला प्रशासन ने सभी के भोजन और ठहरने की उचित व्यवस्था की है जिसमें स्थानीय लोग भी अपना भरपूर सहयोग दे रहे हैं। प्रभावित लोगों को फौरी राहत प्रदान की गई है और बीआरओ भी उन्हें आर्थिक मदद प्रदान करेगा। जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा और जनजातीय सलाहकार समिति के सदस्य व वरिष्ठ अधिकारी भी मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित थे।

 

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