आवाज़ ए हिमाचल
22 मार्च। हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन इस बार दस दिन पहले शुरू होने जा रहा है। सेब के पेड़ों पर समय से पहले फूल आने लगे हैं। इससे जहां कई क्षेत्रों में सेब बागवान फसल को नुकसान पहुंचने से आशंकित हैं, वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बारिश अच्छी हुई तो ज्यादा नुकसान नहीं होगा। प्रदेश के शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों के निचले क्षेत्रों में वक्त से पहले गुलाबी कली आने लगी है। यह 6500 फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में निकलने लगी हैं, जबकि ऐसे क्षेत्रों में यह अप्रैल महीने तक ही आती थीं। 5500 फीट ऊंचाई वाले इलाकों में तो फूल भी खिलने लगे हैं। इससे यह भी लग रहा है कि इन क्षेत्रों में सेब सीजन भी दस दिन पहले होगा।
डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान केंद्र के पूर्व सहायक निदेशक डॉ. जयंत कुमार का कहना है कि यह ठीक वैसे है, जैसे समय पूर्व बच्चे पैदा होते हैं। स्वाभाविक है, इससे जैसे बच्चे कमजोर हो जाते हैं, वैसे ही फल भी कमजोर रह जाते हैं। इस बार सर्दियां ज्यादा नहीं पड़ीं तो उसी से दस दिन पहले ही फूल खिलने लगे हैं। इसका फू ल की कली पर असर पडे़गा। परागण किस्मों के फूल आगे-पीछे खिलेंगे तो इससे फलों की सेटिंग की प्रक्रिया प्रभावित होगी। हालांकि, अगर आगामी दिनों में बारिश होती है और नमी ठीक रहती है तो इससे फसल पर प्रतिकूल असर नहीं भी पड़ेगा। फलों की गुणवत्ता नमी पर ही निर्भर करेगी।
बखोल गांव के बागवान संजीव चौहान का कहना है कि दस-बीस दिन पहले फ्लावरिंग हो गई है। अगर बारिश कम हुई तो फलोें की गुणवत्ता कम होगी। इससे रंग और आकार दोनों प्रभावित होंगे। जिले में 85 फीसदी लोग सीधे तौर से बागवानी से जुड़े हुए हैं। डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. भूपेंद्र ठाकुर ने कहा कि सेब बगीचों में इस बार नमी कम है। अगर साधारण तापमान रहता है तो सेटिंग अच्छी हो सकती है। लेकिन ऐसा ही सूखा मौसम बना रहता है तो सेटिंग कमजोर हो सकती है। इसके साथ ड्रॉपिंग भी अधिक देखने को मिल सकती है।