आवाज ए हिमाचल
4 जनवरी। पौंग झील में प्रवासी पक्षियों की रहस्यमयी मौंते जारी हैं। वहीं बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया है। वन्य प्राणी विभाग ने झील में पर्यटन सहित अन्य सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है। मत्स्य आखेट पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। वन्यजीव प्राणी विभाग के डीएफओ राहुल रहाणे ने इसकी पुष्टि की है। मछुआरों और अन्य लोगों को एनाउंसमेंट से झील के 1410 एरिया में न जाने की सूचना दी जा रही है। झील में पिछले चार दिनों से प्रवासी पक्षियों की रहस्यमय मौत जारी है। विभाग के मुताबिक अभी तक मौत का शिकार एक हजार के करीब प्रवासी पक्षियों की गिनती कर ली गई है। अभी और बीटों में गिनती का कार्य जारी है। इनकी संख्या काफी बढ़ सकती है।
झील में पर्यटन सहित अन्य सभी गतिविधियों पर रोक
प्रतिदिन सैकड़ों विदेशी परिंदों की मौत हो रही है। शनिवार को प्रशासनिक आदेशों के चलते झील में मछली का शिकार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पौंग झील में हर साल अक्तूबर से मार्च तक रूस, साइबेरिया, मध्य एशिया, चीन, तिब्बत आदि देशों से विभिन्न प्रजातियों के रंग-बिरंगे परिंदे लंबी उड़ान भर यहां पहुंचते हैं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। अब इन पक्षियों की अचानक मौत हो रही है। वन्यप्राणी विभाग ने बर्ड फ्लू की आशंका के चलते जिलाधीश कांगड़ा को अवगत करवा झील में सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी है।
मृत परिंदों के सैंपल लेकर मध्य प्रदेश के भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। पौंग झील के सहायक मत्स्य निदेशक जय सिंह ने भी माना कि उन्हें जिलाधीश कांगड़ा के कार्यालय से पौंग झील में प्रवासी पक्षियों की अचानक हो रही मौत के मद्देनजर मत्स्य आखेट पर भी अस्थायी तौर पर प्रतिबंध लगाने के आदेश आए हैं। वन्यजीव प्राणी विभाग के डीएफओ राहुल रहाणे ने बताया कि पौंग झील के 1410 क्षेत्र में सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी है।