आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। कांगड़ा के बनखंडी में विश्वस्तरीय चिडिय़ाघर बनाने पर राज्य सरकार 600 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इनमें से 60 करोड़ रुपए अब तक जारी हो चुके हैं। वन्य प्राणी विभाग ने चिडिय़ाघर की डिजाइनिंग पर काम शुरू कर दिया है और चिडिय़ाघर के निर्माण को लेकर सभी विश्वस्तरीय जू की जानकारी जुटाई जा रही है। विभाग हिमाचल में केरल की तर्ज पर जू का डिजाइन तैयार कर रहा है। चिडिय़ाघर के लिए 180 हेक्टेयर क्षेत्र का चयन किया गया है। इसके बाद वन्य प्राणी विभाग आगामी एक महीने में चिडिय़ाघर का शिलान्यास कर निर्माण भी शुरू कर देगा। हिमाचल के इस चिडिय़ाघर में 30 प्रतिशत से अधिक जानवर विदेशी प्रजाति के होंगे। 60 फीसदी जानवर स्थानीय माहौल में ढलने लायक और महज दस फीसदी जानवर देश के अलग-अलग हिस्सों से लाकर चिडिय़ाघर में रखे जाएंगे। बनखंडी में चिडिय़ाघर निर्माण को केंद्र से मंजूरी मिल चुकी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अगस्त महीने में चिडिय़ाघर का शिलान्यास करने वाले थे, लेकिन प्रदेश में बरसात से हुई तबाही की वजह से वन्य प्राणी विभाग ने उस समय इस कार्यक्रम को टाल दिया था। हालांकि मंजूरी मिलने के बाद कार्य को आगे बढ़ाने के प्रयास लगातार जारी रहे और विभाग ने जू डिजाइन का टेंडर जारी करने के साथ ही जमीन के अधिग्रहण का काम भी तेजी से शुरू कर दिया है। जिस जगह चिडिय़ाघर का निर्माण किया जा रहा है, वहां ज्यादातर हिस्से में घना जंगल है, लेकिन इस क्षेत्र के पास से ही नेशनल हाईवे और रेलवे मार्ग गुजरते हैं और वन्य प्राणी विभाग अब केंद्र सरकार की मदद से दोनों की दिशा में बदलाव करने के लिए भी पत्राचार कर रहा है। इनमें सुरंग और फ्लाईओवर बनाने की सलाह एनएचएआई को दी गई है।
शिमला-मटौर नेशनल हाईवे की ड्राइंग भी अब चिडिय़ाघर के हिसाब से ही डिजाइन हो रही है। फिलहाल वन्य प्राणी विभाग ने अक्तूबर महीने के अंत तक निर्माण शुरू करने की समयसीमा तय कर दी है और अब सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद निर्माण शुरू हो जाएगा। 600 करोड़ रुपए के भारी-भरकम बजट का इस्तेमाल वन्य प्राणी विभाग कई किस्तों में करेगा।