बद्दी व पंचकूला की कवयित्री सविता गर्ग “सावी” को मिली विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि

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आवाज़ ए हिमाचल 

 शान्ति गौतम, बीबी एन। 

22 मार्च। बद्दी के जाने माने व्‍यवसायी पंचकूला निवासी पवन गर्ग की पत्नी युवा कवयित्री, गीतकार, गायिका सविता गर्ग ‘सावी’ को बिहार राज्‍य सरकार द्वारा प्रमाणि‍त संस्‍था विक्रमशि‍ला हिन्‍दी विद्यापीठ, भागलपुर की ओर से विद्यापीठ की अकादमिक परिषद की अनुशंसा पर उनकी सुदीर्घ हिन्‍दी सेवा, सारस्‍वत साधना, कला, गायन, साहित्‍यिक योगदान, सक्रीय लेखन कार्य आदि के क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण उपलब्‍धि‍यों, शैक्षि‍क प्रदेयों तथा राष्‍ट्रीय व अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिष्‍ठा के आधार पर विद्यावाचस्‍पति की मानद उपाधि‍ से सम्‍मानित किया गया है।

पवन गर्ग ने बताया कि संस्‍था की अकादमिक परिषद में हिन्‍दी विद्यापीठ के कुलपति डॉ. तेजनारायण कुशवाहा, कुलाधि‍पति डॉ. सुमनभाई ‘मानस भूषण’, कुलसचिव डॉ. देवेन्‍द्रनाथ साह, विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (यू जी सी), शि‍क्षा मंत्रालय, भारत सरकार, नई दि‍ल्‍ली के वरिष्‍ठ सदस्‍यों सहित विद्यापीठ के सिण्‍ड‍िकेट के सदस्‍यगण मौजूद थे।

गौरतलब है कि सविता गर्ग क्षेत्र की सबसे कम उम्र की क‍वयित्री रचनाकार हैं जिन्‍हें यह मानद उपाधि ‍प्राप्‍त हुई है। सावी ने चंडीगढ़ दूरदर्शन व आकाशवाणी में भी समय-समय पर अपनी रचनाओं को प्रस्‍तुत किया है।

हाल ही में जींद की हिंदी साहित्‍य‍ प्रेरक संस्‍था द्वारा उन्‍हें राजेंद्र मानव स्‍मृति साहित्‍य रत्‍न सम्‍मान तथा बदायूँ, उत्‍तर प्रदेश की प्रतिष्‍ठित साहित्‍य‍िक संस्‍था के. बी. हिंदी सेवा न्‍यास द्वारा उसके उत्‍तम सृजनात्‍मक काव्‍य लेखन के लिए मैथि‍लीशरण गुप्‍त स्‍मृति सम्‍मान और के. बी. स्‍मृति काव्‍य शि‍रोमणी सम्‍मान से भी सम्‍मानित किया गया है। सावी द्वारा लिखे व गाए गए गीतों और भजनों आदि को लोगो द्वारा खूब सराहा जा रहा है।

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