आवाज़ ए हिमाचल
शांति गौतम, बीबीएन। राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने बद्दी के एक दवा उद्योग में दवा उत्पादन पर रोक लगा दी है। प्राधिकरण ने यह कार्रवाई उद्योग में दवा निर्माण नियमों की अनुपालना ने होने पर की है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन व राज्य औषधि नियंत्रक प्राधिकरण द्वारा दवा निर्माण इकाईयों का जोखिम आधारित मूल्यांकन किया जा रहा है। इसी कड़ी में सोलन व सिरमौर जिला में 14 दवा निर्माण इकाईयों का निरीक्षण किया जा चुका है, जिसमें बद्दी स्थित एक दवा निर्माण इकाई मेंं खामियां सामने आने पर तत्काल प्रभाव से दवा उत्पादन रोक दिया है।
बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़, पांवटा साहिब और कालाअंब स्थित कुल 14 दवा इकाइयों का बीते तीन सप्ताह निरीक्षण किया गया है। इस कवायद का मकसद दवाओं की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले संभावित खतरों की पहचान करना है, इससे पहले जोखिम आधारित मूल्यांकन 2016 में किया गया था। सीडीएससीओ के ड्रग अलर्ट में देश भर में सब-स्टेंडर्ड पाई गई 537 दवाओं में से 158 दवाओं का निर्माण प्रदेश के दवा उद्योगों में हुआ है।
14 दवा उद्योगों का निरीक्षण
राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाहा ने बताया कि सिरमौर और सोलन जिलों की दवा इकाइयों में जोखिम आधारित आंकलन चल रहा है। अभी तक चिन्हित 14 दवा निर्माण इकाईयों का निरीक्षण किया जा चुका है। संयुक्त जांच निर्धारित मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुरूप देश भर में की जा रही है, जिनमें से निर्धारित मानकों की अनुपालना न करने पर बद्दी स्थित एक दवा निर्माण इकाई को दवा निर्माण बंद करने का भी आदेश दिया गया है। सीडीएससीओ और राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण की इस संयुक्त कवायद का मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण दवा निर्माण सुनिश्चित करना है।