आवाज ए हिमाचल
शांति गौतम, बीबीएन। इंस्टिट्यूट् फॉर ग्लोबल डेवेलोपमेंट द्वारा ग्लेनमार्क फाउंडेशन के सहयोग से बद्दी सरकारी अस्पताल व वार्ड नं-2 बद्दी में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों से उन्हें अवगत करवाया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य अपने स्वास्थय अधिकारों के लिए महिला को सशक्त बनाना है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एस एम ओ ने बताया महिलाएं अपने से ज्यादा घर परिवार पर अधिक समय देती हैं। यही कारण है कि वे अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाती हैं और उनको परेशानी होने लगती हैं। एक उम्र के बाद सबमें शारीरिक, मानसिक व हामोनल बदलाव होते हैं। इसके कारण महिलाओ में भी कई तरह की बीमारियों की आशंका होती हैं। इससे बचने के लिए सही दिनचर्या, व्यायाम व पौष्टिक खानपान बहुत जरूरी है।आईजीडी संस्था के स्वास्थय कार्यकर्ता पिंकी वर्मा व श्वेता शर्मा द्वारा महिलाओं को स्वास्थय अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।
एक महिला को अधिकार है माँ बनने का, जब वह चाहे तब माँ बने, पति को चुनना उसका स्वयं का अधिकार है। महिलाओं को यह भी बताया गया कि एक माँ के ममत्व को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा जननी सुरक्षा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। भोजिया नर्सिंग कॉलेज द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से महिलाओं को स्तनपान की सही विधि के बारे में बताया गया। इसके साथ ही यह जानकारी भी दी गयी कि 26 माह का मातृत्व अवकाश प्रत्येक कार्यक्षेत्र में अनिवार्य है। गर्भावस्था के दौरान होने वाले टीकाकरण की जानकारी भी दी गई। महिलाओं को जागरूक करते हुए कहा कि महिला के शरीर पर उसका स्वयं का अधिकार है।
इस कार्यक्रम में डॉक्टर व आईजीडी के परियोजना अधिकारी बलजिंदर सिंह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता श्वेता शर्मा, रीना, रंजना, पूजा, पिंकी वर्मा, आशा वर्कर संध्या, सुमगला के साथ-साथ 100 से अधिक महिलाएं शामिल हुई।