10 नवम्बर। बद्दी नालागढ़ नेशनल हाईवे के बनने में स्थानीय लोग ही अडंगा डालते नजर आ रहे हैं। जिन भूमि मालिकों को सरकार ने भूमि व भवन का उचित मुआवजा दे दिया है वही समय पर भवन खाली नहीं कर रहे हैं। जब प्रशासन से सख्ती की थी तो इन्होने कहा कि दीवाली में हमारा सीजन है अभी कुछ समय दे दो लेकिन अब दीवाली पर्व भी बीत चुका है लेकिन अभी भी भवन मालिक किराएदारों से किराया वसूलने के चक्कर में भवन खाली नहीं कर रहे। बाद में होगा यह कि भवन मालिकों को तो कुछ नहीं जाएगा बल्कि जो किराएदार हैं उनकी दुकानों पर प्रशासन का डंडा जरुर चल जाएगा और नुक्सान की भरपाई भी कोई नहीं करेगा। यह प्रोजेक्ट बहुत लंबा खींच चुका है और प्रशासन इसका काम जल्द से जल्द शुरु कर ना चाहता है। हाल ही में सीएम ने अधिकारियों की बैठक में दो टूक कहा था कि लंबित पडे प्रोजेक्ट शीघ्र शुरु होने चाहिए और अगर उसमें कोई कानूनी अडचन है तो उसको दूर करना चाहिए।
गौरतलब है कि फोरलेन का कार्य जल्द से जल्द शुरू करवाने के मकसद से प्रशासन ने प्रथम चरण में इस परियोजना की जद में आने वाले 185 भवन मालिकों को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया है। यह वह भवन मालिक है, जिन्हें मुआवजा मिल चुका है और इनको 28 दिन की समय सीमा के नोटिस जारी हो चुके हैं और वह समय सीमा भी खत्म हो चुकी है। अब प्रशासन ने इन भवन मालिकों को आखिरी अल्टीमेटम जारी कर दिया है। वहीं, प्रशासन ने जलशक्ति विभाग और विद्युत बोर्ड को भी आदेश जारी कर दिए हैं कि यह प्रापर्टी एनएचएआई की हो चुकी हैं और इनके बिजली व पानी कनेक्शन काट दिए जाएं। अगर भवन मालिक एक हफ्ते के अंदर खुद व खुद अपने भवनों को नहीं गिराते तो एनएचएआई व प्रशासन द्वारा इन भवनों की गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। काबिलेजिक्र है कि पिंजौर से नालागढ़ तक बनने वाले लगभग 31.195 किलोमीटर लंबे फोरलेन में हिमाचल के हिस्से बद्दी से नालागढ़ तक लगभग 17.6 किलोमीटर भूमि आती है, जबकि बाकी बचा 13 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा के क्षेत्र में आता है। पिंजौर से नालागढ़ तक बनने वाले फोरलेन में पांच फ्लाईओवर पुलों सहित कुल 22 पुलों का निर्माण होगा,
जबकि 104 पुलियों के निर्माण के साथ इसमें 15 सर्विस लेन बनेगी। इस फोरलेन के निर्माण पर कुल 731 करोड़ 67 लाख रुपए का बजट खर्च होगा। गुजरात की पटेल कंपनी इस फोरलेन का निर्माण करेगी। एनएचएआई के साइट इंजीनियर दिनेश पुनिया का कहना है कि फोरलेन परियोजना का काम दिसंबर में शुरू हो जाएगा और निर्धारित अढ़ाई वर्ष में इसके निर्माण को पूरा करने का प्रयास रहेगा। वहीं दूसरी ओर एसडीएम नालागढ़ महेंद्र पाल ने मुआवजा पा सके भूमि व भवन मालिकों से आग्रह किया कि वह जल्द से जल्द भवन खाली कर दें और किराए का मोह छोड दें। अगर वह स्वयं भवन तोडेंगे तो नुक्सान नहीं होगा लेकिन अगर प्रशासन ने तोडे तो सामान व दुकानों का नुक्सान हो सकता है। इसलिए एक जिम्मेदार नागरिक व देश व प्रदेश में विकास को गति देने के लिए तुरंत भवन खाली कर दें ताकि यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरु हो सके। उन्होने कहा कि सभी को नोटिस दिया जा चुका है और बाकायदा मुनादी भी हो चुकी है।