आवाज ए हिमाचल
24 मार्च।मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सहारा योजना बंद नहीं होगी। इसमें कुछ संशोधन कर कुछ और बीमारियां भी शामिल की जाएंगी। एसडीएम और सीएमओ स्तर की एक कमेटी मामलों को वेरिफाई करेगी। हर उस व्यक्ति की मदद की जाएगी जो बिस्तर पर है या लाचार है। योजना के लिए राज्य सरकार ने 140 करोड़ रुपये जारी किए हैं।सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कई माह से पात्र लोगों को मासिक 3,000 रुपये पेंशन नहीं मिलने का मामला उठाया। भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने भी योजना के तहत पेंशन अटकी होने का मामला उठाया। स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि कैंसर, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मरीजों के लिए योजना चलाई गई है। कई बार दस्तावेज पूरे नहीं होते हैं। जीवन प्रमाणपत्र, अन्य दस्तावेजों को अपलोड करना बहुत जरूरी है। यह आशा वर्करों से आते हैं, इस कारण मामले लंबित हो जाते हैं। विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि करीब 1,100 लोगों ने आवेदन किए हैं, इन्हें कब तक पेंशन शुरू की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सभी को पेंशन दे दी जाएगी। भाजपा विधायक जनकराज ने कहा कि कई बार कम वेतन वाले सरकारी कर्मचारियों को भी योजना का लाभ नहीं मिलता है। ऐसे मामलों को भी देखा जाना चाहिए।मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार की ओर से चलाई गई सहारा योजना को सरकार चालू रखेगी। यह बेहतरीन योजना है। सरकार इसे बंद करने का कोई विचार नहीं रखती। बार-बार विपक्ष यह बात बोल रहा है कि योजना को बंद कर दिया गया है। इसमें सच्चाई नहीं है। जिन लोगों को योजना के तहत पैसा नहीं मिला, उनको जल्द राशि जारी कर दी जाएगी। कुछ जिलों में योजना के तहत ज्यादा लोगों को पात्र बनाया गया है, तो कुछ में संख्या कम है। सरकार इसका रिव्यू करेगी। हर जिले में जिसे भी सरकार के सहारे की जरूरत है, उसे सहारा दिया जाएगा।स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थन खोलने के लिए बनाए गए नियमों में बदलाव करने का विचार किया जाएगा। विधायक डॉ. हंसराज के सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में 20 हजार और मैदानी में 30 हजार की जनसंख्या पर संस्थान खोले जाते हैं। प्रदेश की भूगौलिक स्थिति के चलते नियमों में बदलाव करना जरूरी है। केंद्र के निर्देशों पर ये नियम बने हैं।