बंदरों-आवारा कुत्तों के आतंक से बचाव को हाई कोर्ट सख्त, समस्या पर तिरुमाला मंदिर से सीख लेने की सलाह

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आवाज़ ए हिमाचल

शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शिमला और उसके आसपास के इलाकों में बंदरों और आवारा कुत्तों के आतंक से बचाव संबंधी जनहित याचिकाओं में केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले पशु कल्याण बोर्ड को पक्षकार बनाया। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के पश्चात ये आदेश पारित किए। कोर्ट ने पशु कल्याण बोर्ड, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव, फरीदाबाद (हरियाणा) के माध्यम से शिमला शहर में बंदरों के खतरे से निपटने के लिए सुझाव देने का निर्देश भी दिया है। कोर्ट ने एडवोकेट जनरल को सलाह दी है कि वह अन्य निकायों जैसे कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम, तिरुमाला, जिला चित्तूर (आंध्र प्रदेश) से भी परामर्श कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि तिरुपति मंदिर परिसर में बंदरों के खतरे का सफलतापूर्वक उन्मूलन कर दिया गया है। कोर्ट ने मामले से जुड़े समय पर दिए आदेशों की स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा है। मामले की सुनवाई 17 जुलाई को निर्धारित की गई है।

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