फोर लेन संघर्ष समिति ने दिया ज्ञापन :कहा,प्रभावितों के साथ हो रहा रोहांगिया जैसा व्यवहार

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आवाज़ ए हिमाचल

स्वर्ण राणा,नूरपुर

07 दिसंबर।फोर लेन संघर्ष समिति ने नूरपुर सचिवालय में एसडीएम नूरपुर को 154 राष्ट्रीय उच्च मार्ग कंडवाल से सियूनी तक के प्रभावित भू अधिग्रहण की दरो की कटौती की घोषणा के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन अध्यक्ष दरबारी सिंह की अध्यक्षता में दिया।समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुदर्शन शर्मा ने कहा कि प्रभावितों के साथ रोहांगिया जैसा व्यवहार किया जा रहा है। बड़ी शर्म की बात है कि सरकार द्वारा आधिकारिक सूचना को नकार रहे है।तमाम पीड़ितो के साथ सरकारी धोखा करार दिया।हम अपने भविष्य के लिए अब आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है।प्रशासन द्वारा अधिकृत एनएचआई के नापनपाई के कार्य को प्रभावित रोकने जा रहे है।जब तक पारदर्शिता के आधार पर मुआवजा राशि,भवन निर्माण की राशि का लिखित रूप से 2019 का अधिकृत सूचना के अनुसार भुगतान का पत्र जारी नहीं करते है हम अपने हक की खातिर सड़कों पर धरना प्रदर्शन की रणनीति बनाने के लिए तैयार है।
समिति के महासचिव विजय सिंह हीर ने कहा कि राष्टीय उच्च मार्ग बनने का हम इंकार नही कर रहें है।ये मार्ग बनना चाहिए।पर 2018 में जो एलओ थे उन्होंने हमारे जहाँ के रेट जो थे किसी गाँव का सात हजार किसी का आठ हजार ओर किसी का छ हज़ार जो अनुसंशा के लिए ज़िलाधीश महोदय के पास भेजे थे।ज़िलाधीश महोदय ने थोड़ा कम करके कही सात हजार कही पाँच हज़ार ओर कही चार हज़ार रेट किया था।उनका भी हम फैक्टर दो मांग रहे थे।इस मंहगाई के युग मे यदि हमें वो रेट मिल जाता है तो हमारा पुनर्वास ठीक ढंग से हो सकता है।हीर ने कहा कि सरकार द्वारा नए रेट हमे मंजूर नही है।इसके लिए हम धरना प्रदर्शन करेंगे यहाँ तक कि चक्का जाम भी किया जाएगा।एसडीएम नूरपूर डॉ. सुरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि एनएचआई ओथोरटी द्वारा यहां सड़क निर्माण हेतू जमीनें हमारे माध्यम से ली जा रही है। इसमें नूरपूर एसडीएम को शमिल किया और हमने नियमों के आधार पर कैलकुलेशन 31 हजार रुपए पर मरला रेट वनाया,उसको मंजूर नहीं किया। इस पर इतराज जताया है। अब हम जांच करके उच्च अधिकारियों से बात करेंगे व साथ में ही एन एचआई ओथोरटी से बात करने के बाद निर्णय लेने तथा पिछले तीन सालों से कितनी रजिस्ट्रीया ,किस हाई रेट में हुई है उसके बारे जानकारी लेंगे, साथ में ही मार्किट रेट भी देखेंगे। तब कोई निर्णय लेंगे ताकि जिनकी जमीनें हाई-वे में आ रही है वह लोग संतुष्ट हो सके।

 

 

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