आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। भंग हो चुके हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग की वेबसाइट को दोबारा खोला जा सकता है। इसे लिमिटेड एक्सेस के साथ ऑपरेट करने की संभावनाओं पर विचार चल रहा है। ऐसा इसलिए करना पड़ा है, क्योंकि हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग से लोक सेवा आयोग को आया भर्तियों का रिकॉर्ड अधूरा है। दरअसल राज्य सरकार ने तीन पोस्ट कोड की भर्तियों का रिजल्ट घोषित करने के लिए मामला लोकसेवा आयोग को भेजा था। इनमें पोस्ट कोड-958 वेटरिनरी फार्मासिस्ट, पोस्ट कोड-967 डिस्पेंसर और पोस्ट कोड-973 इलेक्ट्रिशियन शामिल हैं, लेकिन मंगलवार को ही राज्य सरकार को लोक सेवा आयोग के सचिव के माध्यम से मिले पत्र में कहा गया है कि आयोग ने इन भर्तियों का रिकॉर्ड हमीरपुर से लाया है, लेकिन वह अधूरा है। इसकी क्रॉस चैकिंग के लिए वेबसाइट डाटा और पोर्टल के डाटा को भी मैच करना होगा। इस वेबसाइट को पेपर लीक की एफआईआर दर्ज होने के बाद आईटी विभाग ने बंद कर दिया था। दूसरी ओर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू रुकी हुई भर्तियों के रिजल्ट जल्दी चाहते हैं। इसलिए कार्मिक विभाग ने बुधवार को इस पूरे मामले में दो कदम उठाए हैं। एक तो हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में विशेष कार्याधिकारी लगाए गए अधिकारी को पत्र भेजकर तीन बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है। इससे यह तय किया जाएगा कि आखिरकार रिकॉर्ड अधूरा क्यों है? दूसरी तरफ आईटी विभाग से यह पूछा गया था कि उन्होंने किसके आदेश पर लोक सेवा आयोग की वेबसाइट को डिसेबल किया था? विभाग से जवाब मिला है कि विजिलेंस ब्यूरो के कहने पर ही पोर्टल और वेबसाइट को बंद किया गया है।
अब हमीरपुर से ओएसडी का जवाब आने के बाद इस वेबसाइट को लिमिटेड एक्सेस के साथ ऑपरेट करने की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। यह लिमिटेड एक्सेस लोक सेवा आयोग को देना पड़ेगा। हालांकि इस तरह वेबसाइट के खुलने के बाद उन अभ्यर्थियों को भी राहत मिल सकती है, जिनके पास पिछली भर्तियों में जमा करवाई गई फीस का रिकॉर्ड नहीं है और इसी वजह से उन्हें दूसरी बार फीस देनी पड़ रही है। बुधवार को भी कार्मिक विभाग और मुख्य सचिव कार्यालय में ये हलचल थी।