पोर्ट मोरेस्बी। भारत ने प्रशांत द्वीपीय देशों के लिए स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और औद्योगिक विकास के लिए कई महत्वपूर्ण सौगातें देने की आज घोषणा की और मानवीय सहयोग की इस साझीदारी को और मजबूत करने का संकल्प व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पापुआ न्यूगिनी की राजधानी में आयोजित फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन (फिपिक) के तीसरे शिखर सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए ये घोषणाएं कीं।
श्री मोदी ने अपने संबोधन में फिपिक शिखर सम्मेलन में 14 प्रशांत द्वीप देशों- फिजी, पापुआ न्यू गिनी, टोंगा, तुवालु, किरिबाती, समोआ, वानुअतु, नीयू, माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य, रिपब्लिक ऑफ मार्शल आइलैंड्स, कुक आइलैंड्स, पलाऊ, नौरू और सोलोमन आइलैंड्स के नेताओं के आने और विचार मंथन में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि आज के इस मंथन से जो विचार उभरे हैं, उन पर निश्चित रूप से गौर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी कुछ साझा प्राथमिकताएं हैं और प्रशांत द्वीपीय देशों की कुछ आवश्यकताएं हैं। इस मंच पर हमारा प्रयास है कि हमारी साझीदारी इन दोनों पहलूओं को ध्यान में रखते हुए चले। श्री मोदी ने फिपिक में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए कुछ घोषणाएं की।
उन्होंने कहा कि प्रशांत क्षेत्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा को सशक्त करने के लिये हमने फिज़ी में एक सुपर-स्पेशियलिटी कार्डियोलॉजी अस्पताल बनाने का निर्णय किया है। प्रशिक्षित स्टाफ़, अत्याधुनिक सुविधाओं और इंफ्ऱास्ट्रक्चर से युक्त यह अस्पताल पूरे क्षेत्र के लिए एक लाइफलाइन बनेगा।