आवाज़ ए हिमाचल
1 मार्च।फर्जी डिग्री घोटाले में सीआइडी की एसआइटी को कुछ और पुख्ता सुबूत हाथ लगे हैं। सूत्रों के अनुसार हार्डडिस्क से पुनर्जीवित किए अधिकांश डाटा का मूल रिकॉर्ड से मिलान नहीं हो रहा है। फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से हार्डडिस्क का लगातार परीक्षण हो रहा है। मिलान के लिए मानव भारती के सोलन के सुल्तानपुर स्थित निजी विश्वविद्यालय से रिकॉर्ड से संबंधित सारे रजिस्ट्रर शिमला तलब किए जा चुके हैं। मूल रिकॉर्ड तैयार करने वाले स्टाफ, विवि के तत्कालीन अहम ओहदेदारों से पूछताछ हो रही है। जिन डिग्रियों का रजिस्ट्रर से मिलान नहीं हो रहा है, वे फर्जी पाई गई हैं।कितनी डिग्रियां और फर्जी निकली है, इसका पता तभी चल सकेगा, जब परीक्षण का एक और चरण पूरा होगा। समझा जाता है फर्जी डिग्रियों की संख्या और बढ़ सकती है। 36 हजार डिग्रियां फर्जी साबित हो चुकी है। अभी तक केवल 16 हार्डडिस्क का ही डाटा का परीक्षण हुआ है। 39 हार्डडिस्क का होना बाकी है। परीक्षण करने में वक्त लग रहा है, इस कारण जांच पूरी नहीं हो पा रही है। एसआइटी गहनता से जांच को आगे बढ़ा रही है।