आवाज ए हिमाचल
29 जनवरी। जिला शिमला में स्वास्थ्य कर्मियों के बाद अब फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने डाटा तैयार कर एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) को भेजा है। फरवरी की शुरुआत से फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी। इसमें राजस्व और पुलिस विभाग के कर्मियों की वैक्सीनेशन होगी।कोरोना संकट में राजस्व और पुलिस विभाग के कर्मियों ने बतौर कोरोना योद्धा संक्रमण को रोकने में अपना योगदान दिया। लॉकडाउन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों ने दिन-रात सेवाएं देकर लोगों से नियमों का पालन करवाया। वहीं अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन करने, उनका डाटा तैयार करने से लेकर उनके रहने की उचित व्यवस्था करने के लिए राजस्व विभाग के कर्मी ड्यूटी पर डटे रहे। इसके अलावा ये कर्मचारी संक्रमण को रोकने में सहायक बने।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुरेखा चोपड़ा का कहना है कि जिले में करीब आठ से 10 साइटों पर हफ्ते के चार दिन वैक्सीनेशन सुचारू रूप से चल रही है। स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड पोर्टल की सहायता से विभिन्न साइटों पर वैक्सीनेशन के लिए बुलाया जा रहा है। वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए तैयारियां कर ली गई हैं। वैक्सीनेशन के आगामी चरणों के लिए भी तैयारी की जा रही है। छूटे कर्मियों को भी लगेगी वैक्सीनजिला स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कई कारणों से जो स्वास्थ्य कर्मी वैक्सीन नहीं लगा पाए हैं, उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। फ्रंटलाइन वर्करों के साथ ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों की वैक्सीनेशन भी करवाई जाएगी। इसके अलावा वैक्सीनेशन के तीसरे चरण में 50 साल से अधिक लोगों और चौथे चरण में 50 साल से कम उम्र वालों और बीपी व शुगर वाले मरीजों को वैक्सीन लगेगी। वैक्सीन से मिलेगी बड़ी राहत
शिमला में मार्च 2020 से लगातार कोरोना का कहर जारी है। कोरोना के कारण जहां जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हुई हैं, वहीं अन्य व्यवसायों पर भी इसका असर पड़ा है। लॉकडाउन लगने से लोगों की जिदगी थम सी गई थी। एहतियात बरतते हुए लॉकडाउन को विभिन्न चरणों में खोला गया। दिसंबर के बाद कोरोना के मामलों में अब गिरावट देखने को मिल रही है। वैक्सीन लगने से महामारी से राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।