फकरीड़ा सड़क को जल्द पक्का करने की मांग 

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आवाज़ ए हिमाचल 
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
1  फरवरी। ग्राम पंचायत डोभा की पालंगिरी फकरीड़ा के लोगांे ने सड़क सुविधा के लिए उपायुक्त बिलासपुर से मुलाकात की तथा उन्हें ज्ञापन सौेंप कर शीघ्र सड़क सुविधा की मांग की। वहीं प्रैस को जारी बयान में डोभा पंचायत के उपप्रधान रणजीत कुमार, बीडीसी सदस्य अमन कुमार, पूर्व बीडीसी सदस्य रीठू राम, पूर्व वार्ड सदस्य संत राम, गोपाल दास, धनी राम, संजय कुमार, शेष राम, रणजीत सिंह, हरि राम, लच्छु राम, प्रेम लाल, चमन लाल, धर्मपाल संदीप कुमार, विजय कुमार, सुनील कुमार, राकेश कुमार, बाबू राम, सरोज कुमारी, रामेश्वरी आदि ने बताया कि इस सड़क के लिए टैंडर भी हो चुके हैं तथा ग्रामीणों द्वारा सड़क के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को गिफ्ट डीड भी दे दी गई है। आज भी लोग गर्भवती महिलाओं, बीमार बुजुर्गों को अस्पताल लाने के लिए पालकी या चारपाई का सहारा लेते हैं। गांव के लोग सड़क निर्माण को लेकर राजनेताओं की कई दफा चिरौरी कर चुके हैं लेकिन काम नहीं बन पा रहा है।

बीते बुधवार को ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल जल शक्ति, राजस्व, बागवानी और सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से मिला था तथा उन्होने करीब दो सौ लोगों के हस्ताक्षर सहित ज्ञापन प्रेषित कर शीघ्र न्याय की मांग की। उन्होंने बताया कि मसला ग्राम पंचायत डोभा के गांव करोट की लंगरी फकरीड़ा से संबंधित है। सड़क के लिए गांव फकरीड़ा से पीडब्ल्यूडी के नाम गिफ्ट डीड हो चुकी है जबकि टैंडर राप्रापा करोट तक हो चुका है। सड़क पर पुल का निमार्ण भी हुआ है। इस सड़क का शिलान्यास पूर्व विधायक रणधीर शर्मा द्वारा 27 नवंबर 2021 किया जा चुका है। लेकिन एक दो लोगों द्वारा इस कार्य में बाधा उत्पन्न की जा रही है। जिससे ग्रामीणों को भारी दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने बताया कि पुल से आगे करीब तीन किलोमीटर का रास्ता सड़क बनने की बाट टोह रहा है। उन्होंने बताया कि जब गांव में किसी बीमार बुजुर्ग या गर्भवती महिला को स्वास्थ्य केंद्र तक पहंुचाना हो तो सड़क तक पालकी के सहारे बड़ी मशक्कत के बाद पहंुचाया जाता है। उन्होंने बताया कि एक-दो हादसे ऐसे भी हो चुके हैं कि स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने से पहले की गर्भ में पल रहे शिशु की मृत्यु हो चुकी है। बच्चों को स्कूल व कालेज तथा अन्य कार्यों के लिए जाने के लिए तीन से पांच किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ता है। जंगली रास्तों में हर समय जानवरों का भय भी बना रहता है।

उन्होंने कहा कि यदि सड़क निर्माण हो जाता है तो एक हजार की आबादी की इस पालंगरी को लाभ होगा।

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