आवाज़ ए हिमाचल
जीडी शर्मा ( राजगढ़ )
6 नवबर। प्राचीन भाट देवता मंदिर कोटली में आज जातर का आयोजन किया गया। इसे दूसरे शब्दों में देव मिलन जातर भी कहा जा सकता है इस जातर का आयोजन हर वर्ष भैयादूज वाले दिन किया जाता है सबसे पहले स्थानीय लोग अपने अपने घरो से झंडा लेकर भाट देवता मंदिर मे पंहुचते है और चावल व अखरोट की भेट भाट देवता को चढाते हैं । उसके बाद पांरपरिक वाद्य यंत्रो के साथ हाथ में
झंडों लेकर जिसे स्थानीय भाषा मे निशान कहते है। जातर काली माता के मदिर तक जाती है ओर यहां भी लोग काली माता को भेंट स्वरूप अखरोट व चावल चढ़ाते हैं। इस दौरान भाट देवता व काली माता अपने भक्तों से सीधा संवाद करते हैं । यह संवाद गुरू देव वाणी के माध्यम से करते हैं ,उसके बाद जातर वापिस भाट देवता के मंदिर जाती है और मंदिर परिसर मे भंडारे का आयोजन होता है ।