आवाज ए हिमाचल
स्वर्ण राणा, नूरपुर। कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी आत्मा द्वारा लोगों को प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ावा देने के लिए गांव गांव जाकर किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। किसानों का प्राकृतिक खेती की ओर रुझान बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से विभिन्न योजनाएं चलाई गई है जिसको लेकर विभाग किसानों और लोगों को जागरूक कर रहा है और कैमिकल खेती से होने वाले नुकसान तथा प्राकृतिक खेती से होने वाले फायदे को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
टैक्नोलॉजी असिस्टेंट मैनेजर हरजीत सिंह ने कहा कि कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी आत्मा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही हैं, जिसके लिए गांवों में जाकर किसानों को प्राकृतिक खेती को लेकर प्रशिक्षण दे रहे हैं तथा सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं के बारे में बताते है। इन योजनाओं से जो लाभ हो सकते हैं उन्हें देने की कोशिश करते हैं। किसानों को खाद बनाने के लिए ड्रम की सुविधा होती है और जिन किसानों ने देसी गाय रखी है उन्हें जागरूक करते हैं कि वह गाय के गौमुत्र, गोबर से खाद बना सकते हैं तथा अगर किसी किसान ने देसी जैसे साहीवाल, राठी, लाल सिंधी गाय खरीदनी हो तो उसे पचास प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जा रही है। इसके साथ ही जब किसान गाय लेने जाता है तो उसका कुछ ना कुछ किराया लगता है।
सरकार उसको पांच हजार रुपया किराया भी देती है। अगर किसान मंडी से गाय लेकर आता है तो उसे मंडी फीस भी मिल जाती है। हम किसानों को कहना चाहते हैं कि वह ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक खेती को अपनाएं और जो कैमिकल खेती कर रहे हैं उसे छोड़ने की कोशिश करे क्योंकि कैमिकल खेती से दिन-प्रतिदिन बीमारियां बढ़ रही है और भविष्य में और खतरा बढ़ सकता है।