प्रशासन की अपील 65 वर्ष से ज्यादा उम्र, गर्भवती महिलाओं व दस साल से कम उम्र के बच्चों को मेले में न आएं

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आवाज ए हिमाचल 

10 मार्च। सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में भव्य देव समागम के लिए छोटी काशी यानी मंडी पूरी तरह तैयार है। महोत्सव में पधारने वाले देवी-देवताओं के स्वागत और सुविधा के लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं। उपायुक्त एवं अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी के अध्यक्ष ऋग्वेद ठाकुर ने बताया महोत्सव में इस बार भी सभी 216 पंजीकृत देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया है। देवी-देवताओं और साथ आने वाले कारदारों, देवलुओं को विभिन्न मंदिरों, स्कूलों व अन्य भवनों में ठहराने की समुचित व्यवस्था की गई है।प्रशासन ने 65 वर्ष से ज्यादा उम्र, विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं व दस साल से कम उम्र के बच्चों  को मेले में न आने की सलाह दी गई है ।

देवी देवताओं को धूप, चादर, नारियल, मिठाई, लकड़ी अन्य सामग्री प्रदान करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। मेले के दौरान यू-ब्लॉक में लगने वाले लंगर में शारीरिक दूरी के सिद्धांत की अनुपालना की जाएगी। मेले के दौरान लंगर बनाने वाले बोटियों की कोविड जांच होगी। हर देवता के साथ आए पांच देवलुओं को प्रशासन ने कोविड अनुपालना अधिकारी बनाया है। वह देवताओं के साथ आने वाले सभी देवलुओं को कोरोना से बचाव को जागरूक करने के अलावा अनिवार्य रूप से मास्क लगाए रखना सुनिश्चित करेंगे।

मेले में हर समय पहने रखें मास्क

उपायुक्त ने मेले में आने वाले सभी लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन करने और मेले में हर समय मास्क का प्रयोग करने की अपील की है। उन्होंने लोगों से मास्क खराब होने की स्थिति में यहां वहां फेंकने की बजाय प्रशासन द्वारा जगह-जगह रखे कूड़ादान में डालने का आग्रह किया। उन्होंने बताया प्रशासन द्वारा पड्डल मैदान के प्रवेश व निकासी द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर व  हैंड वाश की व्यवस्था रहेगी।

स्वास्थ्य से संबंधी परेशानी पर 104 या 1077 पर करें कॉल

आम नागरिकों से आग्रह किया कि अगर किसी व्यक्ति को मेले के दौरान स्वास्थ्य से संबंधित कोई परेशानी होती है तो वह टोल फ्री नंबर 104 या 1077 पर संपर्क कर सकते हैं । लोगों से मेले के दौरान आरोग्य सेतु ऐप को अपने मोबाइल में डाउनलोड करने तथा मेले के दौरान अपने आराध्य देवी-देवताओं के दर्शन व पूजा करते समय किसी भी देवी देवता के रथ व किसी भी वस्तु को न छूने की सलाह दी।

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