प्रयागराज: गंगा किनारे रेत में दबे शवों के ऊपर से हटवाई चुनरी, ताकि दूर से न हो सके शवों की पहचान

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आवाज़ ए हिमाचल

             ब्यूरो, उत्तर प्रदेश

25 मई। प्रयागराज जिले के फाफामऊ और श्रृंगवेरपुर घाट पर प्रशासन ने गंगा किनारे रेत में दबे शवों के ऊपर रखी लाल पीली चुनरी हटा दी गई है। अधिकारियों की मौजूदगी में सफाई कर्मियों को तैनात कर पूरे घाट से शवों के ऊपर से चुनरियों को हटाया गया है। ताकि गंगा किनारे दबे शवों की पहचान ना हो सके।चर्चा है कि कैमरों से बचने के लिए रविवार रात एक जिम्मेदार अधिकारी ने कुछ अधिकारियों के साथ फाफामऊ और श्रृंगवेरपुर घाट का निरीक्षण किया। अधिकारी ने पहले फाफामऊ पुल से घाट देखा और फिर फोर्स के साथ घाट पर गए।

कहा जा रहा है कि इसी अधिकारी के निर्देश पर सुबह फाफामऊ और श्रृंगवेरपुर घाट की सफाई कर चुनरी को हटाया गया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि शवों की शिनाख्त न हो सके।  दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में चुनरी और लकड़ी से पहचान की जा रही थी कि शवों को दफना दिया गया है।नगर निगम के अंचल अधिकारी नीरज सिंह की देखरेख में फाफामऊ घाट पर 100 से अधिक सफाईकर्मी तैनात है। सफाई के दौरान नगर निगम निगरानी समिति के सदस्य कमलेश तिवारी और मुकुंद तिवारी मौजूद थे। उधर, श्रृंगवेरपुर घाट पर कुत्ते और सुअर को पकड़ने के लिए टीम को तैनात किया गया है  कुछ कुत्तों को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया गया।

बालू से निकल रहे श्रृंगवेरपुर में गंगा किनारे दबे शवों का अंतिम संस्कार करने का भी प्रयास किया गया।  इसके लिए घाट पर आठ जगहों पर चिता को सजाया गया। लेकिन रेत से कोई लाश नहीं निकली। इसलिए दाह संस्कार नहीं किया गया। एसडीएम सोरांव अनिल चतुर्वेदी ने कहा कि अब यह लकड़ी उन्हें दी जाएगी जिनके पास दाह संस्कार के लिए पैसे नहीं होंगे।  घाट पर बीडीओ विकास शुक्ला, एडीओ सहकारिता विमल यादव, चौकी प्रभारी दुर्गेश सिंह, निरीक्षक नवाबगंज अवन दीक्षित, वीडियो सत्येंद्र सिंह मौजूद थे। प्रशासन मंगलवार को यहां गंगा अपरदन को रोकने के लिए कदम उठाएगा।श्रृंगवेरपुर में एक बच्ची के शव को दफनाने के लिए घाट पर पहुंचे परिजनों को रोका गया। ढाई साल की बच्ची के शव को दफनाने के लिए कुंडा क्षेत्र के बेंटी गांव से लोग पहुंचे थे।अधिकारियों ने बच्ची के शव को दफनाने से रोकते हुए दाह संस्कार में मदद करने का आश्वासन दिया। लेकिन परिजन नहीं माने और वे लोग शव लेकर वापस चले गए।

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