लगातार बढ़ रही प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता
आवाज़ ए हिमाचल
वॉशिंगटन। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकप्रियता के मामले में 22 देशों के दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ दिया है। ताजा सर्वेक्षण में पीएम मोदी को वयस्क आबादी में 78 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है। पीएम मोदी के बाद मेक्सिको के राष्ट्रपति लोपेज ओब्राडोर को दूसरे नंबर पर जगह मिली है। उन्हें 68 फीसदी वयस्कों ने अपनी पहली पसंद बताया। इसी सूची में तीसरे नंबर पर स्विटजरलैंड के राष्ट्रपति अलैन बेरसेट हैं। उन्हें 62 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग मिली है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि सितंबर 2021 के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ़ती चली जा रही है।
अमेरिका की वैश्विक सर्वेक्षण कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट के मुताबिक इस सूची में ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीज को 58 प्रतिशत रेटिंग के साथ चौथी और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को 50 फीसदी रेटिंग के साथ पांचवां स्थान मिला है। इस तरह से टॉप 5 नेताओं की लिस्ट से सुपरपावर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां बाहर हैं। ट्रंप की कड़ी चुनौती के बीच बाइडन को 40 फीसदी ही अप्रूवल रेटिंग मिली है। बाइडन लोकप्रिय नेताओं की लिस्ट में सातवें नंबर पर हैं।
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो 9वां स्थान मिला है। उन्हें 40 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है। ऋषि सुनक को मात्र 30 प्रतिशत रेटिंग मिली है जो चुनाव से पहले उन्हें बड़ा झटका है। सबसे लोकप्रिय नेताओं की लिस्ट में सबसे नीचे यानि 22वें स्थान पर नार्वे के नेता जोनास गहर स्टोर हैं। उन्हें 21 प्रतिशत रेटिंग से ही संतोष करना पड़ा है। सर्वेक्षण के मुताबिक सितंबर 2021 के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ़ती ही जा रही है। मई 2021 में पीएम मोदी की लोकप्रियता 63 प्रतिशत तक पहुंच गई। इसके बाद उनके चाहने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है।
करीब 76 फीसदी लोगों ने कहा है कि पीएम मोदी देश को सही दिशा में ले जा रहे हैं। यह ताजा सर्वेक्षण 26 जनवरी से 31 जनवरी 2023 के बीच कराया गया था। मॉर्निंग कंसल्ट संस्था ने बताया कि अमेरिका में जहां 45 हजार लोगों से बात की गई, वहीं दुनियाभर में औसतन 500 से लेकर 5000 लोगों के बीच सर्वेक्षण कराया गया था। इस पूरे सर्वेक्षण के आधार पर यह लोकप्रियता निकाली गई थी। यह सभी सर्वेक्षण ऑनलाइन तरीके से वयस्कों के बीच कराया गया था। संस्था ने बताया कि भारत में खासतौर पर शिक्षित लोगों को सर्वेक्षण में शामिल किया गया था। इस सर्वेक्षण में हर जाति, भाषा समुदाय और धर्म के लोगों को शामिल किया गया था।