आवाज़ ए हिमाचल
15 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों और कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान के मद्देनजर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों व उपराज्यपालों से संवाद किया और उन्हें इस लड़ाई में जनभागीदारी में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण स्तंभ करार दिया। एक बार फिर (कोरोना मरीज की) जांच, संपर्क और उपचार करने के फार्मूले के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार टीकों (वैक्सीन) की पर्याप्त उपलब्धता के लिए प्रतिबद्ध है।
उपराष्ट्रपति और गृह मंत्री भी हुए शामिल
वीडियो कांफ्रेंस के जरिये हुए इस संवाद में प्रधानमंत्री के अलावा उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा कि टीकाकरण के साथ-साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मूल्य और दायित्व सबसे बड़ी ताकत हैं।
जनभागीदारी पर जोर
पिछले साल इस महामारी से लड़ाई में लोगों की भागीदारी की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार भी उसी तरह जनभागीदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘ऐसे में राज्यपालों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। वे राज्य सरकारों और समाज के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने का बेहतर माध्यम बन सकते हैं।’
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता जरूरी
पीएम मोदी ने कहा, ‘सभी सामुदायिक संस्थाओं, राजनीतिक दलों, गैरसरकारी संगठनों (एनजीओ) और सामजिक संस्थानों की संयुक्त शक्ति का उपयोग करना जरूरी है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास कोरोना के खिलाफ लड़ाई का पिछले साल का अनुभव है और साथ ही एक बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था भी। उन्होंने आरटी-पीसीआर जांच पर जोर दिया और कहा कि आज पीपीई किट और अन्य जरूरी उपकरणों के मामले में देश आत्मनिर्भर है।