प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों में इंटरनेट नेटवर्क सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार जारी किया नोटिस

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आवाज ए हिमाचल 

03 जून। प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों में बेहतर इंटरनेट नेटवर्क सेवाएं उपलब्ध करवाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया है। याचिका में विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के निवासियों के लिए इंटरनेट सेवाओं की दुर्दशा का उल्लेख किया गया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच का महत्व बढ़ गया है।

वर्चुअल प्लेटफार्म पर शैक्षिक पाठ्यक्रमों, सम्मेलनों, अदालती कार्यवाही के संचालन के लिए पर्याप्त नेटवर्क की उपलब्धता समय की मांग है।सात सितंबर, 2020 को गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र जारी कर बताया था कि सभी पंचायतों को ब्राडबैंड द्वारा नेटवर्क से जोड़ने के लिए भारत नेट मुख्य परियोजना है। परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में राज्यों और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी से डिजिटल इंडिया का उद्देश्य पूरा करते हुए किफायती ब्राडबैंड सेवाएं प्रदान करना है। पत्र में यह भी उल्लेख किया था कि केंद्र सरकार द्वारा देश में भारत नेट परियोजना को सभी पंचायतों में ब्राडबैंड कनेक्टिविटी से उच्च गति प्रदान करने के लिए कार्यान्वित किया जा रहा है।

एक लाख से अधिक पंचायतों को जोडऩे के लिए कार्य पहले ही किया जा चुका है और द्वितीय चरण के अंतर्गत शेष पंचायतों को जोड़ा जा रहा है। भारत नेट फेज-एक, सीएससी ई-गवर्नेंस इंडिया को पांच-फाइबर प्रावधान का कार्य सौंपा गया है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से उपरोक्त पत्र के अनुरूप उठाए कदमों की वस्तुस्थिति के संबंध में जवाब शपथपत्र के माध्यम से न्यायालय के समक्ष दाखिल करने का आदेश दिया।

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