आवाज़ ए हिमाचल
28 दिसंबर । दिसंबर 2017 से सत्ता में आने के बाद अभी तक जयराम सरकार शैक्षणिक सत्र 2018-19 और 2019-20 के साढ़े 19 हजार मेधावियों को लैपटॉप नहीं दे पाई है। बीते 4 वर्षों से लैपटॉप की खरीद प्रक्रिया ही जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेमकुमार धूमल के कार्यकाल में शुरू हुई मेधावियों को लैपटॉप देने की योजना को जारी रखना या बंद कर देना है। इसे लेकर प्रदेश सरकार वर्ष 2018 के अंत तक संशय में रही। फरवरी 2019 में सरकार ने स्कूलों के 8800 और कॉलेजों के 900 मेधावियों के लिए लैपटॉप खरीद करने का फैंसला लिया।
इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन से लैपटॉप खरीद की प्रक्रिया शुरू करवाई गई। कॉरपोरेशन के साथ विवाद होने के बाद निदेशालय ने वर्ष 2020 में स्वयं लैपटॉप खरीदने का फैसला लिया। वर्ष 2020 में तीन बार शिक्षा विभाग ने जैम पोर्टल के माध्यम से खरीद प्रक्रिया शुरू की, लेकिन किसी भी कंपनी ने इसमें दिलचस्पी नहीं ली। 31 मार्च 2021 को लैपटॉप खरीद का बजट लैप्स होने के बचाने के लिए शिक्षा विभाग ने खरीद के लिए दोबारा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन से टेंडर करवाए। कॉरपोरेशन ने बीते,
अप्रैल से जुलाई तक पांच बार टेंडर आमंत्रित किए लेकिन कोई कंपनी आगे नहीं आई। बीते दिनों चार कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया। जिसमें 2 पहले ही बाहर हो गयी तथा बाकी दो चीन में पंजीकृत थी। जिस कारणwo भी बाहर क्र दी गयी। यहां बता दें कि भारत सरकार ने चीन की कंपनियों से कारोबार नहीं करने का फैंसला लिया है। इसके चलते फाइनांशियल बिड में सिर्फ एक कंपनी बची। अब इस कंपनी को सप्लाई ऑर्डर देनी है या नहीं यह मामला कैबिनेट में जाएगा।