प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ की वर्चुअल कांफ्रेंस आयोजित

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आवाज़ ए हिमाचल

        विनोद चड्ढा,घुमारवीं ( बिलासपुर )

10 जनवरी। हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ की प्रदेश स्तरीय वर्चुअल कांफ्रेंस प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश का अपना वेतन आयोग न होने के कारण हिमाचल प्रदेश सरकार पंजाब सरकार के वेतन आयोग को अपने कर्मचारियों के लिए लागू करती है। पिछले छ: वर्षो से पंजाब के छठे वेतन आयोग के लागू होने की हिमाचल प्रदेश के लाखों कर्मचारी इंतजार कर रहे थे, कि उनके वेतनमान को पंजाब पे कमीशन की रिपोर्ट अनुसार लागू किया जाएगा, 5 जुलाई, 2021 को छठे पंजाब पे कमीशन की अधिसूचना जारी होने के साथ ही हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को भी इसी वेतन आयोग के अनुसार अपने वेतनमान में वृद्धि होने की आस थी, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार ने जैसे ही 3 जनवरी, 2022 को अपने कर्मचारियों के लिए पंजाब पे कमीशन को अपने हिसाब से तोड़ कर लागू किया है।

जिसके कारण लाखों कर्मचारियों को निराशा हाथ में आई है। हिमाचल सरकार द्वारा संशोधित वेतन नियमानुसार पंजाब पे कमीशन द्वारा जारी वेतनमान को कम कर दिया गया है, वर्ष 2012 में हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा एक अधिसूचना द्वारा वेतनमान में कुछ संशोधन किया गया था और इनिशियल स्टार्ट को बंद कर नया ग्रेड पे जारी किया गया था, अब पंजाब सरकार के छठे वेतन आयोग के अनुसार दो गुणक कारक दिए गए हैं : 2.25 बढाऐ गए ग्रेड पे के मामले में और पुराने जीपी के मामले में 2.59 ,ये गुणक कारक केवल इनिशियल पे पर लागू होते हैं लेकिन न्यूनतम पे बैंड पर नहीं और 1 जनवरी, 2016 और अगस्त 2020 के बीच भर्ती किए गए कर्मचारियों पर भी लागू होते हैं जबकि हिमाचल में इनिशियल पे के स्थान पर केवल न्यूनतम पे बैंड और ग्रेड पे लागू किया गया है।

पंजाब पे कमीशन के अनुसार 2.25 गुणक का विकल्प लेने पर टीजीटी के मामले में ग्रेड पे 5000 प्रारंभिक वेतनमान 18450₹ तो, 18450 × 2.25= 41512₹ यह 3600 के ग्रेड पे के मैट्रिक्स में 41600 के करीब है जबकि हिमाचल प्रदेश सरकार के संशोधित वेतनमान में टीजीटी शिक्षकों को 38100 वेतनमान में रखा गया है इस प्रकार हिमाचल प्रदेश सरकार पंजाब पे कमीशन की रिपोर्ट हिमाचल प्रदेश में अपने तरीके से लागू कर रही है जिसके परिणामस्वरूप लाखों शिक्षकों और कर्मचारियों की वेतन वृद्धि पंजाब पे कमीशन की रिपोर्ट अनुसार कम हुई है।इस हिसाब से विज्ञान अध्यापकों को हर माह लगभग 6000 का घाटा हो रहा है। हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठाकुर,कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुधीर चंदेल, महामन्त्री अवनीश कुमार,

उपाध्यक्ष जय सिंह ठाकुर, सीमा चौहान, विनोद ठाकुर, लवलीन कुमार, अशोक वालिया, सुनील कुमार, देसराज राजपूत, हंसराज चौधरी, भूप सिंह सैनी, सुखजिन्दर गुलेरी, सिकन्दर ठाकुर, नरेश वर्मा, दिनेश ठाकुर, भीम सिंह ठाकुर, गणेश नेगी, दिनानाथ शर्मा, विजय शर्मा, मोहन लाल शर्मा, राजीव राठौर, अशोक मिश्रा, चन्द्रकेश धीमान, शालू परमार, संजू शर्मा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि अपना वेतनमान चुनने के लिये तीसरा विकल्प 15% के रूप में दिया जाये तथा हिमाचल प्रदेश सरकार पंजाब पे कमीशन को पूर्णतः लागू करे, महंगाई भत्ता केंद्र की तर्ज़ 28% से बढ़ाकर 31% दिया जाये तथा एसीपी को पहले की तरह लागू किया जाये एवं दो वर्ष प्रोबेशन की शर्त को तुरंत हटाया जाए ताकि शिक्षक वर्ग को नए वेतनमान का लाभ मिल सके।

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