आवाज़ ए हिमाचल
बीबीएन। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की पड़ताल में हिमाचल के उद्योगों में निर्मित 15 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतर पाई है। सब-स्टैंडर्ड निकली दवाओं की इस फेहरिस्त में बद्दी की साईपर फ ार्मा भी शामिल है, जिसे मार्च माह में करोड़ों की नकली दवाओं के निर्माण के मामले में सील किया था, इस कंपनी की मालकिन को राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण सलाखों के पीछे पहुंचा चुका है। सीडीएससीओ ने मई माह में लिए सैंपल की जंाच रिपोर्ट का हवाला देते हुए खुलासा किया है कि साइपर फार्मा में निर्मित चार दवाओं के सैंपल सब-स्टैंडर्ड पाए गए है।
इसके अलावा प्रदेश में निर्मित बैक्टरियल संक्रमण , डायबिटीज, डायरिया, गठिया, गैस्ट्रिक, डीवीटी, बुखार, एलर्जी के उपचार की दवाएं व इंजेक्शन भी जांच में फेल हुए है। सब-स्टैंडर्ड पाई गई दवाओं का निर्माण सोलन, संसारपुर टैरेस, नालागढ़ , बद्दी, पावंटा साहिब व बरोटीवाला स्थित उद्योगों में हुआ है। इसके अलावा तेलंगाना, पंजाब, मध्यप्रदेश, कोलकाता, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, सिक्किम व बिहार में निर्मित 12 दवाएं भी सब-स्टैंडर्ड पाई गई है। सीडीएससीओ की जांच में बद्दी की नामी दवा कंपनी के ब्रांड नाम का डीवीटी का इंजेक्शन नकली पाया गया है, इस दवा के सैंपल ड्रग डिपार्टमेंट ओडिशा ने लिए थे जिसकी सीडीएल कोलकाता में जांच हुई।