प्रदेश में 2050 स्कूलों को मुख्यमंत्री स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की तर्ज पर बनाया जाएगा: संजय चौहान

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आवाज ए हिमाचल

राकेश डोगरा, पालमपुर। मंगलवार को संजय सिंह चौहान चेयरमैन हिमाचल प्रदेश सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मरहूं के वार्षिक पारितोषिक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

इस अवसर पर अन्य स्कूलों के प्रधानाचार्यों स्थानीय एस एम सी सदस्यों पंचायत सदस्यों अभिभावकों के साथ अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। संजय चौहान ने बच्चों को आशीर्वाद देते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रारंभ करने की अनुमति दी। कार्यक्रम के दौरान बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए पुरस्कार वितरण की रस्म भी साथ-साथ चलती रही। प्रधानाचार्य बलबीर सिंह ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा पाठशाला की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

संजय चौहान ने कहा कि स्थानीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला का नामकरण शहीद अरविंद कुमार के नाम पर जल्द ही कर दिया जाएगा। जिसके आदेश कृषि मंत्री चंद्र कुमार अपनी घोषणा में कर चुके हैं। केवल कुछ एक औपचारिकता बची है जिसे जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा।

मुख्यातिथि ने आगे जानकारी दी कि वार्षिक सत्र 2026-27 तक राज्य की प्राथमिक से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक स्तर की लगभग दो हज़ार पच्चास पाठशालाओं को चरणबद्ध तरीके से मुख्यमंत्री स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की तर्ज पर बनाया जाएगा और अगले शैक्षणिक सत्र से यह संस्थान गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाने में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर, 2023 तक इनकी सूची तैयार करने के निर्देश भी विभाग को दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए व्यापक स्तर पर सुधार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है तथा इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। राज्य में सरकारी क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले जाएंगे। इसके साथ ही स्कूल एडॉप्शन प्रोग्राम भी शुरू किया जाएगा, जिसके लिए खंड, उपमंडल व जिला स्तर के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा, ताकि शिक्षा के स्तर में सुधार आ सके। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को गेस्ट लेक्चरर योजना शुरू करने की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए हैं। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लेने और चयन के बाद उन्हें रिक्त पदों वाले स्कूलों में एक साल के लिए तैनात करने संबंधी प्रावधान भी किए जाएंगे। उन्होंने विभाग को इस योजना का विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विभाग को प्राथमिक और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं के क्लस्टर बनाकर उनके संसाधनों का सांझा उपयोग करने की रूपरेखा को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने को कहा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अन्य गतिविधियों के साथ-साथ एक शैक्षणिक सत्र में अनिवार्य दो सौ बीस अध्यापन दिवस सुनिश्चित करने के लिए कैलेंडर तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का प्रमुख दायित्व विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना है तथा उन्हें अपने दायित्व का निर्वहन करने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए। पहली नियुक्ति पर अध्यापकों को अनिवार्य प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बेहतर कार्य करने वाले स्कूलों और अध्यापकों को राज्य सरकार प्रोत्साहित करेगी और इसके तहत जिला स्तर पर पांच स्कूलों को सम्मानित किया जाएगा, शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ-साथ प्रमुख गैर सरकारी संस्थाओं का सहयोग लेने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी।

संजय सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में लाए जा रहे सुधारों के तहत सरकारी शिक्षण संस्थानों में भी छ: वर्ष की आयु में पहली कक्षा में दाखिला सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों कोे आयु वर्ग के अनुसार जीवन उपयोगी कौशल (लाइफ स्किल) में पारंगत किया जाएगा, ताकि उनका ज्ञान केवल किताबों तक ही सीमित न रहने पाए।

उन्होंने प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से खोले जा रहे राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों की प्रगति की भी समीक्षा की। इन्हें अगले वर्ष से संचालित कर दिया जाएगा। साथ ही संजय सिंह चौहान ने कहा माननीय मुख्यमंत्री जवाहर नवोदय स्कूलों की गुणवत्ता पर और अधिक ध्यान देने पर संजीदा हैं।

 

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