आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
27 फरवरी।बिलासपुर के इतिहास में पहली बार जिला साइकिलिंग संघ ने कुछ नया करने का बीड़ा उठाया जो काफी हद तक कामयाब भी रहा। इस खेल के दो बार आयोजन हिमाचल प्रदेश में हो चुका हैं तथा बड़ी बात यह है कि बिलासपुर के खिलाड़ियों ने जिला व राज्य स्तरीय प्रातियोगिता ने अपने प्रदर्शन से न सिर्फ अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया बल्कि राष्ट्रीय प्रातियोगिता में प्रतिभागी बनने का रास्ता भी साफ किया। इससे अन्य नवोदित एवं युवा खिलाड़ियों में उत्साह का माहौल है।
जिला साइकिलिंग संघ के अध्यक्ष विरेंद्र कुमार ने कहा कि बिलासपुर में पहली बार शुरू किए गए इस अनूठे कांसेप्ट को लोगों ने भरपूर प्यार दिया है। जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभागियों का भारी संख्या में तथा जिले के कोने-कोने से आना यह दर्शाता है कि प्रतिभागी इसी खेल के इंतजार में थे।इस प्रतियोगिता में पहली बार साइकिलिंग प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों की तैयारी देखते ही बन रही थी। बच्चों ने एक्पर्ट खिलाड़ियों की तरह प्रदर्शन किया। जिससे अब और बच्चों में भी इस खेल को लेकर रूचि बढ़ने लगी है।
जिलाध्यक्ष विरेंद्र कुमार ने बताया कि बिलासपुर नगर में बच्चों के साथ युवा और बड़े लोग भी सुबह शाम साइकिलिंग पर अभ्यास करते देखे जा सकते हैं,जो कि जिले में नए खेल की बेहतरीन शुरूआत है। वहीं शिमला में बिलासपुर की टीम द्वारा स्वर्ण पदक और रजत पदक जीतना कई मायनों में बहुत बड़ी उपलब्धि है। वहीं जिला साइकिलिंग संघ के सचिव विशाल जगोता ने बताया कि बिलासपुर में संपन्न हुई जिलास्तरीय प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन और दूरदर्शी सोच रखने वाले बुद्धिजीवी लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होने कहा कि बिलासपुर में शीघ्र ही साइकिलिंग की संस्कृति विकसित होगी।
क्योंकि साइकिलिंग एक ऐसी एक्टीविटी है जिससे मनुष्य के हर अंग का अभ्यास होता है तथा इसमें कोई ज्यादा खर्च भी नहीं है। जिला साइकिलिंग संघ के प्रवक्ता कर्ण चन्देल ने कहा कि जिला संघ ने पहली बार प्रतियोगिता का आयोजन करवाया। इस प्रातियोगिता में उम्मीद से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। कर्ण चन्देल ने प्रातियोगिता को सफल बनाने के लिए सहयोग करने वाले सभी सहयोगियों के धन्यवाद किया है।