पौंग झील किनारे प्रतिबंधित जमीन पर बीजाई न करें किसान, होगी कार्रवाई

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किसानों बोले- फसल न हुई तो पशुओं को भी नहीं मिलेगा चारा

आवाज़ ए हिमाचल

ज्वाली। वन्य प्राणी विभाग ने मंगलवार को हरसर में किसानों व लोगों के साथ आरओ बनारसी दास की अध्यक्षता में बैठक की तथा जनता को हिदायत दी कि कोई भी व्यक्ति पौंग झील किनारे बीजाई न करे अन्यथा विभाग बीजाई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। लोगों व किसानों ने कहा कि हमें पौंग झील किनारे की खाली जमीन पर बीजाई करने की अनुमति दी जाए, ताकि हम बीजाई करके फसल की पैदावार कर सकें। किसानों ने कहा कि हमारे इलाका की जमीनें पथरीली हैं तथा इन जमीनों में बिना बारिश फसल की पैदावार नहीं होती है। अगर फसल की पैदावार नहीं होगी तो पशुओं को चारा भी नहीं मिलेगा।

जमीनें बारिश के बिना बंजर हो जाती हैं जिनमें सिर्फ पत्थर ही पत्थर दिखाई देते हैं। किसानों ने कहा कि अधिकतर लोग पौंग झील किनारे गेहूं, जौ, सरसों व बारासीन इत्यादि की बीजाई करते हैं तथा जमीन उपजाऊ होने के कारण फसल की पैदावार भी अच्छी होती है तथा पशुओं के लिए चारा भी मिल जाता है। हरसर, पनालथ, नगरोटा सूरियां, सिद्धाथा, फतेहपुर, धमेटा एरिया में पौंग झील किनारे बीजाई होती है। इन क्षेत्रों में गेहूं की फसल की जितनी ज्यादा पैदावार होती है उतना ही भूसा भी पशुओं के लिए मिलता है। किसानों ने कहा कि अगर बीजाई नहीं करने दी गई तो अपने लिए गेहूं व पशुओं के लिए चारा खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। किसानों ने मुख्यमंत्री सखविंद्र सुक्खू सहित अन्य विधायकों से गुहार लगाई है कि पौंग झील किनारे बीजाई करने की परमिशन दिलाई जाए।

वन्य प्राणी विभाग लेगा एक्शन

इस बारे में आरओ बनारसी दास ने कहा कि फिलहाल पौंग झील किनारे की जमीन पर बीजाई करना प्रतिबंधित है तथा फिलहाल इस जमीन पर कोई भी बीजाई न करे। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने प्रतिबंधित जमीन पर बीजाई की तो वन्य प्राणी विभाग को उसके खिलाफ एक्शन लेना पड़ेगा।

 

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