आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग पर एक नया खुलासा हुआ है, जिसने बेरोजगार युवाओं की नींद उड़ा दी है। जांच एजेंसियों ने जो रिपोट सौंपी है, उसमें हैरान कर देने वाली बातें सामने आई हैं। पता चला है कि कर्मचारी चयन आयोग द्वारा अभी तक जिन भर्तियों का रिजल्ट नहीं निकाला गया है, उन भर्तियों के पेपर भी बेचे गए हैं।
यानी कि चयन आयोग की भर्तियों में पेपर बेचने का सिलसिला काफी लंबे समय से चल रहा था। ऐसे मेंं न जाने कितने ऐसे बेरोजगार युवा रहे होंगे, जिन्होंने दिन-रात मेहनत कर सरकारी नौकरी के लिए तैयारी की और चंद भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की बदौलत आज वह खाली हाथ हैं। चूंकि खुद मुंख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी कह चुके हैं कि पिछले पांच से साल से यह धंधा चल रहा था और हर बार 60 फीसदी भर्तियों में धांधली हुई है। गौरतलब है कि जोओए-आईटी पेपर लीक प्रकरण से सुर्खियों में आए कर्मचारी चयन आयोग के कुछ कथित भ्रष्ट अधिकारियों ने पहाड़ी युवाओं के सुनहरे भविष्य में अंधकार का ऐसा बीज बो दिया है, जो अब अंकुरित होकर दिन-रात उन्हें सपनों में डरा रहा है। मौजूदा समय में पेपर लीक प्रकरण की जांच दो एजेंसियां कर रही हैं और उनकी रिपोर्ट नित नए खुलासे कर रही हैं।
सरकार एक पारदर्शी फार्मूला लाएगी, योग्य उम्मीदवार को मिलेगी सरकारी नौकरी: सुक्खू
मुंख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि यह बेहद ही गंभीर मामला है, क्योंकि जो युवा वर्ग, गरीब माता-पिता का बेटा या बेटी सोचते थे कि सरकारी नौकरी में जाएंगे। इसके लिए वह फार्म भरते हैं, टेस्ट पास करते हैं और बाद में पता चलता है कि संबंधित भर्ती का पेपर बिका है, तो उस पर क्या गुजरती होगी। निश्यच ही यह जांच का विषय है और सरकार इस पर गंभीर है। सीएम ने कहा कि हम युवाओं को यकीन दिलाते हैं कि सरकार एक पारदर्शी फार्मूला लाएगी और योग्य उम्मीदवार को सरकारी नौकरी मिलेगी।