आवाज़ ए हिमाचल
09 अप्रैल। पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी का असर बागवानी पर पड़ने लगा है। इस साल सेब की प्रति पेटी लागत बीते साल के मुकाबले करीब 100 रुपये तक बढ़ने के आसार हैं। परिवहन का खर्चा बढ़ने के नाम पर खाद और कीटनाशक कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ा दी हैं। पैकिंग मैटीरियल बनाने वाली कंपनियां कच्चे माल की कमी का हवाला देकर कार्टन के रेट बढ़ाने की बात कर रही हैं। बगीचों में परागण के लिए इस्तेमाल होने वाले मधुमक्खी के डिब्बों का किराया भी 800 से बढ़कर 1000 रुपये हो गया है। हिमाचल प्रोग्रेसिव ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से इस साल सेब की प्रति पेटी लागत 100 रुपये तक बढ़ सकती है।
खाद और कीटनाशक की दरें बढ़ चुकी हैं। एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष संजय पिरटा का कहना है कि कीटनाशकों और खादों के दाम पिछले साल के मुकाबले 2 से 5 फीसदी बढ़ चुके हैं। पैकिंग के लिए कार्टन बनाने वाली कंपनियां 8 से 10 रुपये प्रति कार्टन रेट बढ़ाने की बात कर रही हैं। यंग एंड यूनाइटेड ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह दादा ठाकुर का कहना है कि डीजल पेट्रोल के रेट में भारी बढ़ोतरी के चलते सीजन में ढुलाई की दरें 20 से 25 फीसदी बढ़ सकती हैं। बनाहर छैला के प्रगतिशील बागवान विशाल बेक्टा और कोटखाई हिमरी के सुनील शर्मा का कहना है कि बगीचों में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले पावर स्प्रेयर, टिलर और ब्रश कटर में पेट्रोल इस्तेमाल होता है। दाम बढ़ने के बाद लागत में सीधी बढ़ोतरी हो चुकी है।