आवाज़ ए हिमाचल
राकेश डोगरा, पालमपुर। पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि प्रदेश में बढ़ते और भयंकर होते नशे के प्रकोप के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का सुझाव अत्यंत आवश्यक और विचारणीय है। नशे के साथ मोबाइल के नशे ने मिलकर इसे और भी भयंकर बनाया है। समय रहते यदि समाज और सरकार ने उचित कार्रवाई नहीं की, तो भविष्य में पछताना पड़ेगा।
दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई यह है कि नई पीढ़ी संस्कार विहीन हो गई है। भारत में परिवार बच्चे को सबसे पहले संस्कार देता था, अब बच्चे के हाथ में मोबाइल के कारण माता-पिता के पास न तो बैठने का समय है और न ही उनसे कुछ सीखने की आवश्यकता है। आज की पीढ़ी को परिवार से संस्कार नहीं मिलते और समाज में भयंकर नशे का प्रकोप है। चंबा में एक स्कूल के बाहर नशे में धुत पड़े मुख्याध्यापक का फोटो लाखों लोगों ने देखा।
हमीरपुर में एक छात्र की भी नशे के कारण मृत्यु हो गई। इन सब घटनाओं से भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है। शांता कुमार ने कहा कि अपराधियों को अधिक सजा का प्रावधान होना चाहिए। सबसे अधिक थोक नशा सप्लाई करने वालो को पकड़ा जाना चाहिए, परंतु केवल कानून और सजा से ही समस्या का समाधान नहीं होगा। उन्होंने कहा एक विद्वान ने कहा है कि कानून हत्यारे को फांसी की सजा दे सकता है, परंतु कानून लोगों में अच्छा काम करने का संस्कार नहीं दे सकता। आज परिवार और समाज में नई पीढ़ी को संस्कार नहीं मिल रहा।