पूर्व मंत्री राजन सुशांत का माफीनामा खारिज, व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के आदेश

Spread the love

आवाज ए हिमाचल

28 जून।हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश के खिलाफ और न्यायपालिका पर सोशल मीडिया पर लगाए गंभीर आरोपों पर पूर्व मंत्री राजन सुशांत व उनके बेटे धैर्य के कागजी माफीनामे को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि प्रतिवादियों की ओर से केवल कागजी तौर पर माफी मांगी गई है। यह माफीनामा किसी खेद और पश्चाताप को नहीं दिखाता, बल्कि कानून से बचने की एक रणनीति प्रतीत होती है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने मामले को 16 जुलाई को सूचीबद्ध किया है। इस दिन आरोप तय किए जाएंगे। खंडपीठ ने प्रतिवादियों को व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा है। अदालत ने पाया कि प्रतिवादियों ने शुरुआत से अब तक किसी प्रकार का खेद नहीं जताया है। न्यायालय के अनुसार एक वास्तविक माफी ईमानदारी से भरी होनी चाहिए। उसमें पश्चाताप के भाव होने चाहिए न कि कानून से बचने के लिए रणनीति के रूप में इस्तेमाल की जाए। पूर्व मंत्री राजन सुशांत और उनके बेटे अधिवक्ता धैर्य सुशांत ने हाईकोर्ट के जज और न्यायपालिका पर गंभीर आरोप लगाए थे। कोर्ट ने आरोपों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की। मामले में प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के लिए कहा।गौरतलब है कि सुशांत के पुश्तैनी घर पर कुछ लोगों ने चोरी की। पुलिस ने उन पर एफआईआर दर्ज की। आरोपियों ने शिकायत के खिलाफ हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने आरोपियों को अंतिम जमानत की पुष्टि करने के लिए मामले को कुछ दिन के बाद रखा। इसी बीच, आरोपियों की जमानत के खिलाफ सुशांत ने हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया। अदालत के आदेश आने से पहले ही इन दोनों ने सोशल मीडिया पर न्यायाधीश के खिलाफ सबूतों को नजरअंदाज करने के आरोप लगाए।
कहा कि न्यायाधीश उन अपराधियों को रिहा कर रहे थे, जो नशा तस्करी व अन्य अपराधों में शामिल थे। नशीले पदार्थों को बेचने वाले डीलरों और वकीलों के बीच नेटवर्क है और उनकी न्यायाधीश तक पहुंच है। प्रतिवादी ने आरोप लगाया कि कुछ न्यायिक अधिकारी इन्हें संरक्षण देते हैं। प्रतिवादी ने हिमाचल हाईकोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग न होने पर भी सवाल उठाए थे। न्यायालय ने उक्त बयानों को अवमानना अधिनियम 1971 की धारा 15 के तहत आपराधिक अवमानना मानते हुए प्रतिवादियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *