आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार के नए मंत्री पुरानी फॉर्च्यूनर गाड़ी में ही सफर करेंगे। पूर्व जयराम सरकार ने साढ़े चार साल पहले मंत्रियों के लिए नई फॉर्च्यूनर खरीदी थीं। ये अभी तक तीन लाख किलोमीटर नहीं चली हैं। ऐसे में इन गाड़ियों को कंडम घोषित नहीं किया जा सकता है। नियमों के मुताबिक सरकारी गाड़ी को एक ही स्थिति में कंडम घोषित किया जा सकता है, या तो यह 10 साल पुरानी होनी चाहिए या फिर तीन लाख किलोमीटर तक चल चुकी हो। अब सचिवालय सामान्य प्रशासन ने मंत्रियों के लिए पुरानी फॉर्च्यूनर तैयार कर ली हैं। मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह होने पर इन्हें अलॉट किया जाएगा। वरिष्ठता के आधार पर इनमें चालकों की तैनाती होगी। नई गाड़ियां खरीदने के लिए कैबिनेट से अनुमति लेनी पड़ेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को दो पुरानी फॉर्च्यूनर दी गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जिन दो फॉर्च्यूनर में सफर करते थे, वहीं गाड़ियां इनके लिए अलॉट की गई हैं। इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को भी दो फॉर्च्यूनर दी गई हैं। यह भी दोनों पुरानी ही हैं। सचिवालय सामान्य प्रशासन का मानना है कि सरकार के पास एक दर्जन से ज्यादा फॉर्च्यूनर हैं। इनमें से अधिकांश गाड़ियां डेढ़ लाख किलोमीटर से कम चली हैं। ऐसे में इन गाड़ियों को मंत्रियों के लिए दिया जाना है। सूत्र बताते हैं कि जयराम सरकार में जब यह गाड़ियां खरीदी गई थीं, उस समय इनकी कीमत 32 लाख के आसपास थी। यह सभी गाड़ियां नई हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मंत्रिमंडल में 10 मंत्री ही होने की संभावना है।
विभागों से मिलने वाली गाड़ियों पर भी लग सकती है रोक
प्रदेश सरकार की ओर से जब मंत्रियों को पोर्ट फोलियो दिए जाते हैं तो विभाग की ओर से भी उन्हें गाड़ियां दी जाती हैं। खर्च कम करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार इस पर रोक लगा सकती है।