आवाज ए हिमाचल
27 फरवरी। नगर निगम का चुनाव उम्मीदवारों के साथ दोनों दलों के नेताओं के लिए अग्निपरीक्षा का समय है। नगर परिषद के रूप में करीब सात दशक का सफर तय करने के बाद पालमपुर को नगर निगम का दर्जा मिला है। प्रदेश में भाजपा की सरकार है और चुनावों में पालमपुर को नगर निगम का श्रेय प्रदान करने का लाभ भाजपा निश्चित तौर पर लेने का प्रयास करेगी। उधर, विधानसभा में पालमपुर की सीट कांग्रेस के कब्जे में है और नगर निगम को चुनावों को अगले विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल भी माना जा सकता है। ऐसे में कांग्रेस के लिए भी यह चुनाव आने वाले समय के लिए काफी महत्त्वपूर्ण संकेत देंगे। भाजपा की ओर से राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी, मंत्री विक्रम ठाकुर, राकेश पठानिया व वूलफेड के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर मैदान में हैं और भाजपा लगातार जीत का दावा कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार अब नगर निगम के आईमा वार्ड के निवासी हैं, पर चुनावी राजनीति से दूर हो चुके भाजपा के यह दिग्गज नेता इन चुनावों में कितनी रुचि लेंगे, फिलवक्त यह साफ नहीं है। पूर्व सिंचाई मंत्री रविंद्र रवि भी नगर निगम के दायरे में आ चुके हैं। कांग्रेस ने पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह की अगवाई में टीम गठित की है और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल भी अब पालमपुर नगर निगम क्षेत्र में आ गए हैं। पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल का भी इन चुनावों में काफी अहम रोल रहेगा और कांग्रेस उम्मीदवारों का प्रदर्शन कहीं न कहीं उनसे जुड़ा रहेगा। यह भी माना जा रहा है कि दोनों दलों में टिकट आबंटन के बाद कुछ लोग आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनावी समर में उतर सकते हैं। ऐसे में उन लोगों को मनाने में भी बड़े नेताओं को अपना योगदान देना होगा। (एचडीएम)
नगर निगम के गठन में शांता कुमार का अहम रोल
पालमपुर को नगर निगम का दर्जा दिलवाने में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने अहम किरदार निभाया है। पूर्व में कांग्रेस सरकार के समय में शांता कुमार इस विषय पर तत्कालीन मुख्यमंत्री सहित अन्य नेताओं के साथ पत्राचार करते रहे। प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के बाद शांता कुमार ने प्रमुखता से यह मुद्दा मुख्यमंत्री के समक्ष रखा और अंततः पालमपुर की जनता की वर्षों पुरानी मांग पर मुहर लगी।