आवाज ए हिमाचल
31 दिसम्बर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के गृह राज्य खैबर पख्तूंख्वा के करक जिले में हिंदुओं के एक मंदिर को सौ से अधिक मुस्लिम कट्टरपंथियों के एक समूह ने तोड़फोड़ कर नष्ट कर दिया और जब उनका इससे भी मन नहीं भरा तो उसे जला डाला। डेली टाइम्स के मुताबिक पाकिस्तान की सुन्नी देवबंदी विचारधारा की राजनीतिक पार्टी जमीयत उलेमा-ई-इस्लाम-फज्ल (जेयूआइ-एफ) की ओर से आयोजित एक रैली में वक्ताओं के भड़काऊ बयान देने के बाद नारेबाजी करती भीड़ ने मंदिर पर हमला कर दिया था।
इसे तोड़ने के बाद इन कट्टरपंथियों ने मंदिर में आग लगाकर उसे जलाया और ढहा दिया। हालांकि जेयूआइ-एफ की रैली के बाद हुए हमले पर उसके नेता आमिर मौलाना अतौर रहमान ने कहा कि मंदिर को जलाने को लेकर उनकी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। कराची के एक पत्रकार मुबाशिर जैदी ने ट्वीट करके बताया कि करक जिले में हिंदुओं ने स्थानीय निकाय से एक मंदिर के विस्तार के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन स्थानीय कट्टरपंथियों के एक समूह ने मंदिर पर हमला करके उसे तहस-नहस कर दिया। पुलिस और प्रशासन इस शर्मनाक घटना को तमाशबीन बनकर देखते रहे। इसीतरह एक शोधकर्ता व पत्रकार राबिया महमूद ने मंदिर पर हमले की निंदा करते हुए ट्वीट किया कि पाकिस्तान सरकार भारत में हिंदुत्व के उत्थान से घबराई हुई है और इसीलिए पाकिस्तान के फासीवादी गैर-मुस्लिम पाकिस्तानियों का जीवन नर्क बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रांत में इमरान की पार्टी की ही सरकार है।